वीके सिंह ने साहित्यकारों को कहा शराबखोर, विरोध शुरू
वीके सिंह ने साहित्यकारों को कहा शराबखोर, विरोध शुरू
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भोपाल : मध्यप्रदेश में आयोजित किए जाने वाले 10 वें विश्व हिंदी सम्मेलन के पहले ही विवाद गहरा गया है। दरअसल इस मामले में विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि जो लोग पहले शराब पीने के लिए हिंदी सम्मेलन में आते थे वे अब नहीं हैं। ऐसे में विवाद खड़ा हो गया है कि विदेश राज्यमंत्री श्री सिंह साहित्यकारों को शराबी समझते हैं। यही नहीं उनके यह कहने पर आपत्ती ली गई कि कुछ साहित्यकार हिंदी सम्मेलन में केवल शराब पीने आते थे। मगर अब ऐसा नहीं होगा। इस मामले में विवाद पैदा हो गया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विदेश राज्य मंत्री श्री सिंह ने ऐसा किस के लिए कहा है। 

मिली जानकारी के अनुसार विदेशराज्य मंत्री से साहित्यकारों की उपेक्षा को लेकर सवाल किए गए। इस दौरान यह कहा गया कि कई साहित्यकारों की उपेक्षा की गई है और कई बड़े नामों को छोड़ दिया गया है। इस आयोजन में आमंत्रित ही नहीं किया है। तो उन्होंने अपना वक्तव्य दिया। मगर शराबखोरी से जुड़े उनके बयान का साहित्यकारों ने विरोध किया है।

भोपाल में यह आयोजन अनूठे तौर पर हो रहा है। इस आयोजन के लिए करीब 1.10 लाख वर्गफीट का पांडाल तैयार किया गया है जिसमें 5 हजार लोग बैठ सकेंगे। आयोजन स्थल पर रजिस्ट्रेशन काउंटर के लिए पृथक व्यवस्था है। आयोजन के मुख्य प्रवेश द्वार पर हिंदी की अमर ज्योति रखी गई है करीब 3 दिन तक यह ज्योति प्रज्जवलित रखी जाएगी। पांडाल में एसी होगा और इसमें एलईडी लाईट्स जगमगाऐंगी। 

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