मधेसी आंदोलन का जारी रहना भारत के लिए खतरनाक : महतो
मधेसी आंदोलन का जारी रहना भारत के लिए खतरनाक : महतो
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नई दिल्ली : एक वरिष्ठ मधेसी नेता ने चेताया है कि अगर नेपाल के तराई में चार महीने से जारी मधेसी आंदोलन के मुद्दों के समाधान में देरी हुई तो यह भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। भारत की नेपाल से लगी 1100 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है। नेपाल की तराई के लोगों और बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमा से लगे इलाकों के लोगों के बीच धार्मिक, सांस्कृतिक, जातीय रिश्ता है। नेपाल में नए संविधान में मधेसियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की मांग के आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो ने खास मुलाकात में कहा, अगर आंदोलन लंबा खिंचता चला गया और मौजूदा राजनैतिक नेतृत्व के हाथ से निकल गया तो फिर भारत के लिए समस्या हो सकती है।

भारत को इन हालात में नेपाल की तराई में जड़ जमा रहे उन तत्वों से होशियार रहना होगा जो भारतीय हितों के खिलाफ हैं। महतो ने कहा, अभी तक आंदोलन हमारे नियंत्रण में है। हालांकि, बिना वजह 50 लोग मारे जा चुके हैं लेकिन कुल मिलाकर आंदोलन ने हिंसक रुख नहीं लिया है लेकिन हम कह नहीं सकते कि लंबे समय से समस्याओं के शिकार मधेसी समुदाय को हम कब तक बांध कर रख सकेंगे। मधेसियों का कहना है कि सत्ता पर काबिज पहाड़ के लोगों के हाथों उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। यही बात नए संविधान में भी दिखी है जिसमें इन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया और न ही इनके इलाकों का सही तरीके से सीमांकन कर नए राज्यों का गठन किया गया। साथ ही 2007 के अंतरिम संविधान में दिए गए अधिकार भी वापस ले लिए गए।

महतो ने कहा, मधेसी लंबे समय तक सब कुछ नहीं सहेंगे अगर इनकी मांग नहीं मानी गई तो वह दिन दूर नहीं जब कोई बंदूक उठा लेगा। उसके बाद केवल भगवान पशुपतिनाथ ही जानते हैं कि क्या होगा। महतो के साथ तराई मधेस लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष महंता ठाकुर, संघीय सोशलिस्ट फोरम-नेपाल के अध्यक्ष उपेंद्र यादव और तराई मधेस लोकतांत्रिक पार्टी-नेपाल के अध्यक्ष महेंद्र यादव भारत यात्रा पर हैं। इन नेताओं की रविवार से कई भारतीय नेताओं से बात हुई है। इनमें तमाम राजनैतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस.जयशंकर भी शामिल हैं। महतो ने चेताते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब युवा मधेसी किसी पहाड़ी को निशाना बना देगा। सांप्रदायिक हिंसा नेपाल से दूर रही है लेकिन आगे शायद दूर न रह सके। और, वह दिन भी दूर नहीं जब भारत विरोधी ताकतें नेपाल के तराई में अपना खेल खेलेंगी।

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