भोपाल. भारत में फिर से बाघों की मौत एक बड़ा मुद्दा बनती हुई नजर आ रही हैं क्यूंकि प्रशासन बाघों की इन लगातार होती मौतों को लेकर भी सजग नही हुआ हैं. पिछले तीन दिनों में राजधानी के वनविहार नेशनल पार्क सहित कान्हा टाइगर रिजर्व में तीन बाघों की मौत हो गई हैं. इनमें से एक नर और दो मादा बाघ थी. इन मौतों को मिलाकर 10 महीने के अंदर प्रदेश भर में हुई बाघों मौतों की संख्या 13 हो गई हैं. यह खुलासा पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ की रिपोर्ट के द्वारा किया गया हैं.
रिपोर्ट में 13 में से 5 बाघों की मौत की वजह शिकार, तो 6 बाघों की मौत की वजह स्वाभाविक तरीके से होना बताई गई हैं. तो वही अभी दो बाघों की मौत के कारणों का पता नही चल पाया हैं. बाघों की ऐसे मौत की संख्या में अचानक बढोत्तरी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नें इसे चिंता का विषय बताया हैं और साथ ही वन अफसरों को इसके लिए जमकर फटकार लगाईं हैं. सोमवार को शिवराज सिंह चौहान भी वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में मौजूद थे.
वन अफसरों ने सीएम को इस बारे में अपनी सफाई दी और बताया कि शिकार के मामले में अब तक 27 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. कठईपानी और कान्हा टाइगर रिजर्व में मिले शवों का पोस्टमार्टम कर विसरा और अंगों के सैंपल सेंट्रल फोरेंसिक लेबोरेटरी सागर और वाइल्ड लाइफ डिसीज एंड डायग्नोस्टिक सेंटर जबलपुर भेज दिए गए हैं.
बोर्ड बैठक से नदारद मिले निर्माण एजेंसियों के अफसर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने वाली एजेंसियों और बिजली लाइन बिछाने वाली एजेंसियों के गैर हाजिर अफसरों पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बैठक में आगे कहा कि बोर्ड बैठक में सड़क निर्माण और बिजली लाइन बिछाने के प्रस्ताव आते हैं, लेकिन अफसरों के बैठक में न आने से कई मामलों पर निर्णय नही हो पाता हैं जो गलत है. सीएम नें ये बात इसलिए उठाई क्यूंकि अभी घाटीगांव से एनएच- 3 को चौड़ा किए जाने का मामला आया है, लेकिन अफसरों के बैठक में उपस्थित न रहने से ये चर्चा आगे बढ़ ही नही पाई और उसी सेंचुरी से 33 केवी की लाइन गुजरना गुजरना हैं. सीएम नें आगे कहा कि भविष्य में ऐसी गलती न हो इस बात का ध्यान रखा जाये.