लाहौर: पाकिस्तान की एक कोर्ट ने कथित तौर पर ईशनिंदा करने के आरोप में एक ईसाई युवक को सजा-ए- मौत सुनाई है. साथ ही उस पर 20,000 रुपए का जुर्माना भी ठोंका है. ईसाई युवक की पहचान नौमान मसीह (19) के रूप में हुई है, नौमान बहावलपुर की इस्लामी कॉलोनी का निवासी है. पुलिस के मुताबिक, नौमान को चार वर्ष पूर्व एक शिकायत के आधार पर अरेस्ट किया गया था, जिसके बाद से वह जेल में था.
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने एक मैसेजिंग ऐप पर ईश-निंदा से जुड़ी सामग्री शेयर कर दी थी. मामले में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि सेशन कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा उसके खिलाफ साक्ष्य और गवाह पेश करने के बाद आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई. अभियोजक पक्ष ने सेलफोन का फॉरेंसिक रिकॉर्ड पेश किए थे. जिससे यह सिद्ध हुआ था कि उसने व्हाट्सएप के माध्यम से ईशनिंदा वाली सामग्री शेयर की थी. कुछ गवाह भी अदालत में पेश किए गए, जिन्होंने कोर्ट में गवाही दी कि आरोपी ने ईशनिंदा सामग्री शेयर की थी. हालांकि, पाकिस्तान में पहले भी ईश-निंदा को लेकर कई केस सामने आ चुके है. जहां बिना कानूनी कार्यवाही शुरू होने से पहले ही अभियुक्तों को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया. गत माह 7 मई को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से ऐसा मामला प्रकाश में आया था.
यहां कथित रूप से ईशनिंदा संबंधी टिप्पणी करने के बाद भीड़ ने एक युवक को पीट-पीटकर मार डाला था. बता दें कि पाकिस्तान उन इस्लामी देशों में शुमार है, जहां ईशनिंदा के लिए मौत की सजा है. इससे पहले 24 मार्च, 2023 को पाकिस्तान में एक मुस्लिम शख्स को एक व्हाट्सएप ग्रुप पर ईशनिंदा सामग्री के लिए सजा-ए- मौत सुनाई गई थी. उसे पेशावर की एक कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम और आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया था.