नई दिल्ली : नेपाल सरकार द्वारा नेपाल के नए संविधान में संधोशन करने का प्रयास किया जा रहा है, यदि नेपाल सरकार अपने प्रयास में सफल रही तो संभवतः नए संविधान में यह पहला संशोधन हो सकता है। दरअसल नेपाल सरकार द्वारा संसद में संविधान के संशोधन का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस मामले में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड द्वारा मधेशियों समेत विरोध प्रदर्शन करने वाले दलों की मांगों को पूर्ण करने के लिए किसी प्रांत को बांटने में लगे हैं।
दरअसल सत्तारूढ़ दल, मधेशी फ्रंट और फेडरल अलायंस के बीच चर्चा की गई। यह चर्चा तीन पक्षों के बीच हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार संसद में संशोधन प्रस्ताव रखा जाना है। इसके अंतर्गत देश के प्रमुख कानून में बदलाव किए जाने हैं इस दौरान विभिन्न प्रांतों की सीमाओं, नेशनल असेंबली में आनुपातिक प्रतिनिधित्व, नागरिकता और अन्य पक्षों को भी भागीदार बनाकर उनकी राय ली जाएगी।
इस मामले में सीपीएन माओवादी सेन्टर के सचिव बरशामन द्वारा पुष्टि कर दी गई है जिसमें यह तय किया गया है कि आने वाले तीन दिनों में सदन में संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार की मंशा है कि वह संसद में संशोधन प्रस्ताव लाए। इस तरह के प्रयास सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।
नेपाल को RBI की दो टूक, आखिर कैसे