यूपी चुनाव: योगी को हराने के लिए 'मस्जिद-मस्जिद' घूमेगी कांग्रेस, मुसलमानों से किए ये 16 वादे
यूपी चुनाव: योगी को हराने के लिए 'मस्जिद-मस्जिद' घूमेगी कांग्रेस, मुसलमानों से किए ये 16 वादे
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लखनऊ: कांग्रेस उत्तर प्रदेश में तीन दशक के सत्ता के सूखे को समाप्त करने अपने पुराने जातीय समीकरण पर फिर से खड़ा करने में लग गई है. ऐसे में कांग्रेस की नजर समाजवादी पार्टी (सपा) के मुस्लिम वोट बैंक पर है, जिसे अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस अब मौलाना-मोलवियों को बाद मस्जिद का सहारा लेने जा रही है. कांग्रेस अपने 16 सूत्रीय संकल्प पत्र को मुस्लिमों के घर-घर तक पहुंचाने के लिए शुकवार को जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर संकल्प पत्र वितरित करेगी.

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अब मुस्लिम वोटों के लिए सपा के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रही है. 2022 यूपी चुनाव में कांग्रेस हर वो दांव खेल रही है, जिससे सपा के मुस्लिम कोर वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस ने 16 सूत्री संकल्प पत्र में चुन-चुनकर ऐसे मुद्दों को शामिल किया है, जो सपा सरकार को मुस्लिमों के मामले पर कठघरे में खड़ा करने वाले है. कांग्रेस अपने पुराने मुस्लिम वोटबैंक को वापस लेने के लिए वो सब करने के लिए तैयार है, जिससे सपा को सियासी नुकसान पहुंच सके. इस रणनीति के तहत कांग्रेस की सबसे बड़ी कोशिश यह है कि वह मुसलमानों के मुद्दों पर सपा को मुस्लिम जनता के बीच एक्सपोज करे. 

कांग्रेस का 16 सूत्रीय संकल्प पत्र:-

1- सरकार बनी तो CAA और NRC विरोधी आंदोलन में दर्ज केस वापस होंगे और मुआवजा दिया जाएगा.
2- राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तरह मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाया जाएगा.
3- बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली दी जाएगी और कांग्रेस के जमाने में स्थापित की गईं कताई मिलों को पुनः शुरू किया जाएगा.
4- डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में बुनकरों के लिए जारी किए गए 2350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
5- सपा सरकार में बंद की टेनरी पुनः शुरू की जाएंगी.
6-  हर जिले में मुस्लिम छात्रों के लिए मौलाना आजाद छात्रावास खोले जाएंगे.
7- मुस्लिम छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी.
8- मदरसा आधुनिकीकरण, शिक्षकों के बकाया वेतन को देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.
9- विगत 30 वर्षों में वक्फ की संपत्तियों में हुई धांधली की जांच कराई जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी.
10- पसमांदा तबकों के विकास के लिए अलग से पसमांदा आयोग का गठन किया जाएगा.
11- दस्तकार वर्ग की आवाज को सदन में स्थायी तौर पर उठाने के लिए उस वर्ग से विधानपरिषद में एक सदस्य नामित किया जाएगा.
12- अखिलेश यादव की सरकार में हुए सभी छोटे-बड़े दंगों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों को सजा दी जाएगी.
13- 1992 में कानपुर में हुए दंगे की जांच के लिए गठित माथुर कमीशन की रिपोर्ट पर एक्शन लेकर दोषियों को सजा दी जाएगी.
14- प्रत्येक मंडल में एक यूनानी मेडिकल कालेज खोला जाएगा.
15- मुस्लिम वर्ग में आत्मविश्वास विकसित करने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में राज्य पुलिस बल में भर्ती के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे.
16- उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण अधिनियम के तहत बेकसूर लोगों पर लादे गए मुकदमे, जिन्हें हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है उनको मुआवजा प्रदान किया जाएगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की सत्ता से कांग्रेस तीन दशकों से बाहर है और सपा-बसपा ही सत्ता में रहे हैं. राज्य का मुस्लिम वोटर आजादी के बाद से 90 के दशक तक कांग्रेस का परंपरागत मतदाता रहा है, जिसके कारण कांग्रेस सत्ता पर विराजमान होती रही है. मंडल और कंमडल की सियासत से यूपी में कांग्रेस का सियासी समीकरण टूट गया है, जिसमें ब्राह्मण वोटर भाजपा में चला गया तो दलित बसपा के साथ है जबकि मुस्लिमों की पहली पसंद सपा बनी और उसके बाद मायावती और कांग्रेस के हाथ से उसका वोट बैंक निकल गया. 

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