नई दिल्ली: मालेगांव बम धमाके को लेकर अब तक आरोपी चल रही साध्वी प्रज्ञा को क्लिन चिट मिल जाने के मामले में विपक्ष ने एनआईए की जांच पर तो सवाल उठाए ही हैं। साथ ही विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय का सीधा दखल है। इस मामले में कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच करवाने की मांग भी की। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि इस बम ब्लास्ट कांड की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ही हो।
कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहा गया है कि वे अपनी संवैधानिक शपथ का मान रख लें और अपनी विचारधारा से अलग हटकर शपथ के अनुसार कर्तव्यों का पालन भी करें।
एनआईए ने जो चार्जशीट दायर की उसमें यह कहा गया कि मालेगांव धमाके की मुख्य आरोपियों में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर शामिल है। इस मामले में दूसरे मुख्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस पुरोहित को भी मकोका से मुक्त कर दिया गया है। ऐसे में कांग्रेस ने सवाल किए हैं और कहा है कि इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है।