नई दिल्ली: कुछ दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 फीसद आरक्षण जारी रखने का फैसला दिया था। उस वक़्त कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया था। इसका श्रेय भी कांग्रेस नेताओं ने अपनी को दिया था। वही कांग्रेस अब इस फैसले की समीक्षा करने के नाम पर EWS आरक्षण के विरोध में उतर आई है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने EWS पर पार्टी के नए रूख का स्वागत किया है। इसको लेकर उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'मैं AICC के इस बयान का स्वागत करता हूँ कि पार्टी EWS आरक्षण पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की समीक्षा करेगी। SC, ST और OBC को नए आरक्षण से बाहर करने से लोगों में व्यापक चिंता उत्पन्न हो गई है।' इसको लेकर तर्क देते हुए चिदंबरम ने आगे कहा कि, 'वजह यह है कि सिंहो आयोग के मुताबिक, SC, ST और OBC गरीबी रेखा से नीचे की आबादी के 82 फीसद हैं। गरीब एक वर्ग होता है। क्या कानून 82 फीसद गरीबों को बाहर कर सकता है? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी निष्पक्ष जाँच की जानी चाहिए।'
दरअसल, दक्षिण के गैर-भाजपा शासित राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध किया है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (MK Stalin) ने राजधानी में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें EWS आरक्षण से संबंधित 103वें संविधान संशोधन को नामंजूर कर दिया गया था। इस मीटिंग में कांग्रेस भी शामिल हुई थी।
BJP सभासद ने कलेक्टर को लिखा खून से पत्र, जानिए पूरा मामला
राहुल गांधी का दावा निकला झूठा, इंडियन रेलवे के निजीकरण को लेकर कही थी ये बात
गुजरात चुनाव: टिकट कटा तो 6 बार विधायक रहे भाजपा नेता ने दिया इस्तीफा