कांग्रेस ने सौंपी थी बाबा साहेब को संविधान निर्माण की जिम्मेदारी
कांग्रेस ने सौंपी थी बाबा साहेब को संविधान निर्माण की जिम्मेदारी
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नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र आज से प्रारंभ हुआ। जिसमें सबसे पहले दिन लोकसभा में संविधान दिवस मनाए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्रियों और पक्ष विपक्ष के सांसदों ने अपने विचार व्यक्त किए। इस मामले में जहां देश छोड़ने के मसले पर पक्ष - विपक्ष ने अपने विचार व्यक्त किए वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा यह भी कहा गया कि संविधान द्वारा देश को एक दिशा प्रदान की गई। संविधान के निर्माण में कई लोगों ने अपनी - अपनी भूमिका निभाई।

देश को संविधान निर्माताओं द्वारा एक संतुलित समाज प्रदान किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा यह भी कहा गया कि डाॅ. भीमराव आंबेडकर सही अर्थों में राष्ट्र ऋषि थे। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि संविधान के निर्माण में उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके द्वारा देश व समाज को दिशा प्रदान की गई। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा यह कहा गया कि भारत रत्न डाॅ. भीमराव आंबेडकर सदैव ही देश के हित की बात ही सोचा करते थे। सामाजिक तिरस्कार हो जाने के बाद भी उन्होंने परिस्थितियां बदलने के लिए कार्य किया और संविधान का संतुलन ही इसका उदाहरण बताया गया है।

उनका कहना था कि उपेक्षा के बाद भी बाबा साहेब देश छोड़ने की बात नहीं करते थे। उन्होंने कभी भी अपना अपमान होने के बाद भी इसका गलत तरह से विरोध नहीं किया। बाबा साहेब आंबेडकर का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री डाॅ. आंबेडकर ने कहा कि भले ही कुछ भी हो जाए वे देश छोड़कर नहीं जाऐंगे। वे यहीं पर रहना चाहते हैं। देश के नैतिक मूल्यों को गढ़ने के लिए अच्छा प्रयास करते रहे। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि  आंबेडकर को दलित नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता रहा है मगर उन्हें इस तरह की संकीर्ण विचारधारा से जोड़ना सही कदम नहीं है।

सदन में उस वक्त हंगामा हो गया जब सेकुलर शब्द के मसले पर विवाद हो गया और उन्हें संविधान में सेकुलर कहा गया। इसका अर्थ यह था कि धर्म निरपेक्ष नहीं होता है। उन्होंने कहा कि पंथ निरपेक्ष का उपयोग किया जाए। सेकुलर का तो गलत उपयोग ही अधिक होता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा यह भी कहा गया कि संविधान दशकों के संघर्ष का परिणाम है।

भारत के संविधान में डाॅ. आंबेडकर का योगदान अधिक रहा। उन्होंने दलितों के लिए बहुत संघर्ष किया। हालांकि सोनिया ने कांग्रेस को श्रेय देते हुए कहा कि बाबा साहेब को संविधान निर्मात्री सभा में लाने का कार्य कांग्रेस ने ही किया था। संविधान पर खतरा मंडराने लगा है। संविधान की आत्मा पर आज के समय चोट की जा रही है। 

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