'हिंदुत्व पर बहस से दूर रहे कांग्रेस..', पार्टी के ही नेता ने राहुल गांधी को दी समझाइश
'हिंदुत्व पर बहस से दूर रहे कांग्रेस..', पार्टी के ही नेता ने राहुल गांधी को दी समझाइश
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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा है कि पार्टी को हिंदू और हिंदुत्व के बहस से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर, गिरजाघर, गुरुद्वारा या मस्जिद में माथा टेकने में कोई बुराई नहीं है, मगर यह किसी की सियासत का केंद्र नहीं होना चाहिए। पंजाब कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इमरान को बड़ा भाई बताने वाले बयान को लेकर तिवारी ने कहा कि अपने राजनीतिक करियर में ऐसा ‘अजीब व्यवहार’ पहले कभी नहीं देखा।

उल्लेखनीय है कि सलमान खुर्शीद की पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्या' पर विवाद के दौरान उनका बचाव करते हुए 12 नवंबर को राहुल गाँधी ने कहा था कि, 'भाजपा हिंदुत्व की बात करती है। हिंदू और हिंदुत्व में क्या अंतर है, क्या ये एक हो सकते हैं? यदि हैं तो इनका नाम क्यों एक जैसा नहीं है। ये वास्तव में अलग हैं। क्या हिंदू धर्म में ये है कि सिख और मुस्लिम को पीटा जाए? लेकिन हिंदुत्व में ये है।' एक इंटरव्यू में मनीष तिवारी ने कहा कि आजादी से पहले कांग्रेस के दो दृष्टिकोण थे- एक गाँधीवादी मानवतावादी और दूसरा नेहरू का बहुलतावादी। उन्होंने कहा कि आज के समय में पार्टी को उसी सिद्धांत पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हिंदू या हिंदुत्व के बहस को से दूर रहना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा कि इस पर अदालत भी कह चुकी है कि हिंदुत्व जीवन जीने का तरीका है।

सलमान खुर्शीद की पुस्तक में हिंदुत्व की तुलना इस्लामिक आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम को लेकर तिवारी ने कहा कि ऐसे संगठन विषैली विचारधारा का समर्थन करते हैं। ये सियासी इस्लाम की विभिन्न विचारधाराओं में से एक हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हम सब को सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जगदीश सरन वर्मा की अध्यक्षता में एक बेंच ने 1995 में कहा था कि हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। अक्टूबर 2016 में तत्कालीन CJI तीरथ सिंह ठाकुर के नेतृत्व में शीर्ष अदालत की सात जजों की बेंच ने उस सवाल को फिर से खोलने से इन्कार कर दिया।

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