मुंबई : 206 करोड़ रुपये के चिक्की सप्लाई घोटाले में कांग्रेस, महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे को घेरने की तैयारी कर रही थी, लेकिन अब तो कांग्रेस खुद ही इस मामले में फंसती दिखाई दे रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंकजा मुंडे ने नियमों की अनदेखी करते हुए एक ही दिन में 206 करोड़ के जो कांट्रेक्ट किए थे उसमें से 114 करोड़ के कांट्रेक्ट सिंधुदुर्ग की महिला कांग्रेस नेत्री के NGO को मिले थे. गौरतलब है कि सिंधुदुर्ग की महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदन्या परब सूर्यकांता महिला औद्योगिक सहकारी संस्था चलाती हैं.
इस मामले में कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने बुधवार को ऐंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होने इन कांट्रेक्ट में पक्षपात करने का आरोप लगाया है और कंपनियों द्वारा सप्लाई किए सामानों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं. शिकायत के बाद ABC ने महिला बाल कल्याण विभाग के मुख्य सचिव संजय कुमार से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है. जब इस बारे में प्रधान सचिव से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ACB के पत्र आधार पर रिपोर्ट तैयार को जल्द से जल्द तैयार करके मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भेज भेजी जाएगी.
क्या-क्या गड़बड़ीयां हुई-
*चिक्की के लिए 80 करोड़ रुपए का ठेका दे दिया गया। जिस एनजीओ को ठेका दिया गया सरकार को उसकी निर्माण इकाई व क्षमता के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
* बच्चों के लिए 5.6 करोड़ रुपए की किताब खरीदी गई । जिसके भुगतान के लिए चेक कंपनी के नाम से नहीं, प्रकाशक प्रेस-मालिक के निजी खाते के नाम से जारी किया गया था ।
* 4500 करोड़ रुपए की लागत से वाटर फिल्टर लगाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, जिसमें नियमों की अवहेलना करते हुए मुंडे की टीम ने ऑर्डर एक ऐसी कंपनी को दे दिया, जिसके पास निर्माण इकाई (मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट) ही नहीं था।
* 6 और 18 करोड़ रुपए के दो ठेके दो कंपनियों को दिए गए तथा एक ही मशीन को खरीदने के लिए दो जीआर जारी किए गए जिन मशीनों का उपयोग बच्चों का वजन मापने के लिए होना था ।
* मात्र 720 रुपए लागत की मेडिकल किट को 500 रुपए की बता दिया गया। कहा जा रहा है कि मुंडे ने कंट्रैक्टर को केवल 500 में ही दवा देने के लिए कहा था।