तीन तलाक के बिल पर सरकार को मिला कांग्रेस का साथ
तीन तलाक के बिल पर सरकार को मिला कांग्रेस का साथ
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मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक का चलन है उस चलन को समाप्त करने के लिए सरकार ने एक प्रस्ताव तैयार किया है उस प्रस्ताव को विधेयक के रूप में आज लोकसभा में पेश किया जाएगा. इस विधेयक को लेकरअच्छी खबर ये है कि इसके समर्थन में कांग्रेस भी है.

आपको बता दें कि लोकसभा में शीतकालीन सत्र चल रहा है जो इस समय हंगामें की भेट चढ़ चुका है जिसके कारण कई महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा नहीं हो पा रही है वहीँ आज लोकसभा की कार्यसूची के मुताबिक तीन तलाक से संबंधित मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 निचले सदन में  पेश किया जाएगा. जिसका समर्थन कांग्रेस ने भी किया है. ये सरकार के लिए अच्छी खबर है 

वहीँ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को आज और शुक्रवार के लिए व्हिप जारी की. जिसमें दोनों दिन सांसदों को लोकसभा में उपस्थित होने के लिए कहा गया है. वहीं इस विधेयक पर चर्चा करने के लिए आज सुबह बीजेपी के संसदीय दल की बैठक होगी है.

 विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस बिल पर सरकार का संसद में साथ देगी. इसके लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कल देर रात कांग्रेसियों इस मुद्दे पर बैठक की. सूत्रों के मुताबिक बैठक में तीन तलाक बिल के पक्ष में कांग्रेस दिखी. ऐसे में मुमकिन है कि इस बिल को पास करवाने में केंद्र सरकार को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए.

दरअसल तीन तलाक विधेयक को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले अंतर मंत्रीस्तरीय समूह ने तैयार किया है जिसमें मौखिक, लिखित या एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिये किसी भी रूप में तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत को अवैध करार देने और पति को तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है.

इस विधेयक को इस महीने ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. यह विधेयक पिछले हफ्ते पेश किया जाना था लेकिन संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा था कि इसे अगले सप्ताह पेश किया जाएगा.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताया है. बीते रविवार को लखनऊ में इस संबंध में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई. कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया.

इतना ही नहीं ट्रिपल तलाक पर लाए जा रहे इस बिल को बोर्ड ने महिला विरोधी बताया है. साथ ही तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट करार दिया है. बोर्ड की मीटिंग में तीन तलाक पर कानून को महिलाओं की आजादी में दखल कहा गया है.

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