गांधी परिवार को उलझाने चले थे अशोक गहलोत, खुद ही उलझ गए.., क्या कांग्रेस लेगी एक्शन ?
गांधी परिवार को उलझाने चले थे अशोक गहलोत, खुद ही उलझ गए.., क्या कांग्रेस लेगी एक्शन ?
Share:

नई दिल्ली: कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर शुरू हुआ सियासी घमासान अभी थमा नहीं है। पार्टी हाईकमान विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास कर रहा है। राजस्थान कांग्रेस इकाई में जारी संकट को लेकर पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मंगलवार को अपनी लिखित रिपोर्ट पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है। सूत्रों ने बताया है कि इस रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनहीनता के लिए सीएम अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ एक्शन की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।

यदि ऐसा हुआ तो फिर कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से अशोक गहलोत बाहर हो जाएंगे। इस पद की रेस के लिए दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे और कमलनाथ का नाम आगे बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि, इस समय कांग्रेस के कई बड़े नेता भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हैं। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के रेस से बाहर होने की स्थिति में कुछ बड़े नेताओं के नामों पर मंथन किया गया। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि कमलनाथ, मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे या दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दावेदार हो सकते हैं। दरअसल, राजस्थान में हुए घटनाक्रम को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि, गहलोत दोनों हाथों में लड्डू रखना चाह रहे थे. वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनना चाह रहे थे और राजस्थान CM का पद भी अपने पास ही रखना चाहते थे. गहलोत के इसी रवैए से गांधी परिवार नाराज़ बताया जा रहा है

बता दें कि, सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले कमलनाथ ने जोर देते हुए कहा है कि उन्हें इस पद में कोई रुचि नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी नहीं होंगे, यदि वो चुनाव लड़ते भी हैं तो गांधी परिवार का समर्थन नहीं मिलेगा। राजस्थान कांग्रेस इकाई में जो कुछ भी हुआ है, उससे अब गहलोत ने अपनी विश्वसनीयता गंवा दी है। पार्टी में उनके इस रवैया को सीधे-सीधे गांधी परिवार को चुनौती माना गया है। एक दूसरे कांग्रेसी नेता ने कहा कि एक वैकल्पिक प्रत्याशी निश्चित रूप से उत्तर भारत से होना चाहिए, जो भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रमुख जंग का मैदान है। 

ऊर्जा हेल्प डेस्क का होगा संचालन, महिलाओं की सहायता के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे

हजारों युवाओं ने अग्निवीर बनने के लिए दी परीक्षा

Video: केजरीवाल के बाद अब सिसोदिया के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे, AAP के मिशन गुजरात को झटका

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -