नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने केंद्र और महाराष्ट्र में सरकार में भागीदार शिवसेना को लेकर कहा कि विरोध करने का सही और सभ्य तरीका होता है। उन्होंने कहा कि शिवसेना की ओर से विरोध प्रदर्शन करने हेतु की जाने वाली तोड़फोड़ और हंगामा सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी परेशानी चर्चा से हल हो सकती है। सही दिशा में विचार करने वाले वर्गों को ऐसे तरीकों से दूसरी बनानी होगी। विरोध करने के लिए शिवसेना द्वारा अपनाए जाने वाले तरीके को लेकर पूछे जाने को लेकर उनका कहना था कि सही आचरण के पैमाने तो सभी पर लागू होने चाहिए।
भले ही वह किसी के विरोधी हों या फिर मित्र हों। दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मसले पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने तोड़फोड़ को गलत तो बताया है लेकिन इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई की बात नहीं की है। कांग्रेस द्वारा कहा गया है कि इस तरह की घृणा फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ विपक्ष एकजुट है और वह भविष्य में प्रदर्शन करेगी। इस मामले में वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि वित्तमंत्री के बयान को लेकर कांग्रेस संतुष्ट नहीं है।
जिसमें उन्होंने विरोधी विचारों को व्यक्त करने के लिए तोड़फोड़ किए जाने को गलत कहा है। श्री शर्मा ने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से विश्व स्तर पर भारत की छवि खराब हो रही है। प्रधानमंत्री विदेश जाकर उन बातों का लाभ लेने का प्रयास करते हैं जो उनके कार्यकाल की सरकार ने नहीं की हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने इस मसले पर शिवसेना का विरोध कर उसके प्रदर्शन का विरोध किया था। मसले पर यह बात भी सामने आई है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा संवेदनशील मसलों पर की जाने वाली बयान बाजी को गलत बताया गया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी पार्टी के लोगों की खिंचाई की। केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा यह बात भी कही गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी ओर से स्पष्टीकरण दे दिया है।
उग्र प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों के बारे में आत्मचिंतन करना होगा। इस तरह के प्रदर्शन लोकतंत्र की गुणवत्ता को बढ़ाया जा रहा है। विश्व के समक्ष भारत की विश्वसनीयता को नगण्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली द्वारा यह भी कहा गया है कि उग्र प्रदर्शन करने वालों को आत्मचिंतन करना जरूरी है। इस तरह का विचार भी उन्हें करना होगा जिससे लोकतंत्र की क्वालिटी बढ़ जाए। भारत की विश्वसनीयता को कम किया जाना जरूरी है। इस दौरान कहा गया है कि विभिन्न विषयों पर लोगों के विचार अलग - अलग होने चाहिए। केंद्रीय वित्तमंत्री का कहना था कि तोड़फोड़ करने वालों की आलोचना होना जरूरी है।