कांग्रेस में जारी सियासी रस्साकसी अभी समाप्त नहीं हुई है. कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को हुई मीटिंग में पार्टी के 23 नेताओं द्वारा नेतृत्व में परिवर्तन की मांग को लेकर लिखा गया खत छाया रहा. सोनिया गांधी को फिर से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने के पश्चात खत लिखने वाले नेताओं ने आगे की योजना को लेकर मीटिंग की थी. मंगलवार को सिब्बल ने ऐसा ट्वीट किया है जिससे कि अटकलें लगनी प्रारंभ हो गई हैं. वहीं पार्टी से निष्कासित नेता संजय झा ने इसे खात्मे का प्रारंभ बताया है.
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कपिल सिब्बल ने बताया , ‘यह एक पद के बारे में नहीं है. यह मेरे मुल्क के बारे में हैं जो सबसे अधिक मायने रखता है.’ दूसरी तरफ, पार्टी से निष्कासित नेता संजय झा ने ट्वीट कर लिखा, ‘यह तो अंत की शुरुआत है.’ इससे पहले राहुल गांधी की भाजपा के साथ मिलीभगत वाली कथित टिप्पणी को लेकर सिब्बल ने विरोध जताते हुए ट्वीट किया था. हालांकि राहुल से बात होने पर उन्होंने उस ट्वीट को वापस ले लिया था.
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कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग में राहुल गांधी ने खत लिखने वाले नेताओं पर भारतीय जनता पार्टी संग दोस्ती का आरोप लगाया था. जिसपर कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने इस आरोप पर सफाई थी. सिब्बल ने कहा था कि मैंने पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया. फिर भी हम भाजपा से मिले हो सकते हैं. वरिष्ठ नेता के ट्वीट के बाद राहुल ने उनसे बात की जिसके बाद उन्होंने ट्वीट को हटा लिया. वहीं गुलाम नबी आजाद ने बताया था कि यदि राहुल गांधी का भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है, तो वे अपने पद को त्याग देंगे.
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