नईदिल्ली। थल सेना के प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त होने के बाद उनके स्थान पर लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को नया थल सेना अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को लेकर रक्षामंत्रालय जानकारी जारी कर चुका है मगर अब इस मामले में कांग्रेस ने अपना विरोध प्रारंभ कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि आर्मी चीफ के पद पर लेफ्टिनेंट रावत को पदस्थ किया जाना है मगर इसके लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर ध्यान नहीं दिया गया।
कांग्रेस ने विरोध करते हुए कहा कि आखिर ऐसा क्यों किया गया है। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि रावत ऐबल हैं उसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन सीनियरिटी को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। रावत से पहले तीन अधिकारियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए था मगर उन पर ध्यान नहीं दिया गया है।
इस मामले में कहा गया है कि जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी को ही सेना प्रमुख बनाया जाना चाहिए था माना जा रहा था कि वे इस इस पद पर काबिज होंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हैरिज को भी नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
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