May 29 2016 03:44 PM
नई दिल्ली : मिनरल वॉटर का उत्पादन करने वाली निजी कंपनियों को अब अपने उत्पाद में पोटेशियम ब्रोमेट का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। दरअसल इस मामले में एफएसएसएआई द्वारा यह कहा गया कि दूषणकार तत्व के तौर पर इसकी सीमा तय की गई है, क्योंकि यह तत्व भूजल में भी उपलब्ध होता है।
इस मामले में कहा गया है कि इसकी मात्रा को तय कर दिया गया है। इसे एक कैंसरकारी तत्व बता दिया गया है और कहा गया है कि इसके होने से कैंसर की संभावनाऐं बढ़ जाती हैं।
ब्रोमेट पानी का अभिन्न हिस्सा नहीं है लेकिन जब पानी का शोधन किया जाता है तो पेय जल में ब्रोमेट के अवयव पाए जाते हैं। यह भू जल में भी पाया जाता है। यदि भू जल में समुद्रिक जल या फिर इंस्ट्री के अवयव कहीं से मिल रहे हों तो इस तत्व के पाए जाने की संभावना होती है।
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