राष्ट्रमंडल दिवस प्रतिवर्ष 24 मई को मनाया जाता है. इसको मनाने के पीछे का उद्देश्य मानवता को बढ़ावा देने का है. राष्ट्रमंडल एक ऐसे देशों का समूह है, जो कभी अंग्रेजी हुकूमत के अधीन रहे थे. राष्ट्रमंडल दिवस पहले एम्पायर डे के रूप में जाना जाता था, लेकिन बाद में हेरोल्ड मैकमिलन ने इसका नाम बदलकर राष्ट्रमंडल दिवस रख दिया. राष्ट्रमंडल दिवस को लेकर सबसे पहले इंग्लैंड की महारानी ने साल 1901 में विचार-विमर्श किया था. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद वर्ष 1902 में इसका आयोजन किया गया.
राष्ट्रमंडल दिवस पर विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है. जब ब्रिटिश हुकूमत पूर्णतः अपना अस्तित्वा खो चुकी थी, तब यह पूर्णतः अस्तित्वा में आया. एशिया, यूरोप सहित विश्व के कई देश राष्ट्रमण्डल से जुड़े हुए है. विश्व के कई देशों के तुलना में भारत इस दिवस में काफी दिलचस्पी रखता है. भारत को राष्ट्रमंडल देशों का महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है. राष्ट्रमंडल दिवस को मनाए जाने के पीछे अलग-अलग देशों के पूर्वजों के योगदान को याद करना भी है. जो कि उन्होंने आजादी की लड़ाई में दिया था. राष्ट्रमंडल दिवस के दिन गुलामी की अति प्राचीन प्रथा की भी कड़े शब्दों में निंदा की जाती थी. साथ ही इसका विरोध भी किया जाता है.
राष्ट्रमंडल दिवस से जुड़ी कुछ रोचक बातें...
- राष्ट्रमंडल दिवस और इससे सम्बंधित कार्यों से दुनिया के करीब 4 बिलियन लोग जुड़े हुए है.
- एक रिपोर्ट के मुताबिक़, राष्ट्रमंडल से जुड़े 4 बिलियन लोगों में 1.4 बिलियन लोगों की उम्र औसतन 30 वर्ष है.
- राष्ट्रमंडल दिवस का उद्देश्य एकता को स्थापित करना और मानवता को बढ़ावा देना है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन देशों के बीच व्यापार का प्रतिशत गैर राष्ट्रमंडल देशों की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है.
- राष्ट्रमंडल देशों की एक ख़ास बात यह है कि इन देशों की अधिकतम जनसंख्या युवा है. जिसके अंतर्गत 15 से 29 वर्ष के युवा सम्मिलित है.
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