राज्यसभा ने प्रवर समिति को विचार करने के लिए सेरोगेसी विनियमन विधेयक 2019 को भेज दिया है. समिति तय समय सीमा में विधेयक पर अपनी रिपोर्ट पेश कर देगा.बुधवार को लगातार दूसरे दिन की चर्चा में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार से विधेयक में सुधार करने और व्यापक स्पष्टता के लिए इसे प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की थी.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेरोगेसी विधेयक का व्यावसायिक इस्तेमाल से मां बनने पर रोक लगाने के लिए नियमों की व्यख्या करता है. इसे अगस्त में लोकसभा ने पारित किया था मंगलवार से राज्यसभा में इस पर चर्चा हो रही है. राज्यसभा में गुरुवार को डॉ हर्षवर्धन ने विधेयक को प्रस्ताव लाकर प्रवर समिति की राय के लिए भेज दिया.
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इस मामले को लेकर सदस्यों ने बिल में कमियों और अनेक विसंगतियों का हवाला दिया था.इसमें करीबी रिश्तेदारों की परिभाषा सबसे अहम मसला था. इसके अलावा विधेयक में राष्ट्रीय सेरोगेसी बोर्ड, राज्य सेरोगेसी बोर्ड गठित करने और सेरोगेसी नियमों की निगेहबानी के लिए उपयुक्त प्राधिकारियों की नियुक्ति के प्रावधानों पर सदस्यों ने शंकाएं जताई थी. समिति अगले सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन तक अपनी रिपोर्ट देगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मानसून सत्र में लोकसभा में पास हुए सेरोगेसी विधेयक में प्रस्ताव था कि इससे अनैतिक प्रथाओं, सेरोगेट माताओं केशोषण और इस प्रक्रिया से पैदा हुए बच्चों का परित्याण और बड़े पैमाने पर विदेशियों के लिए किराए की कोख का इंतजाम कर रहे बिचौलियों पर अंकुश लगाने का प्रयास है.
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