खगोलविदों ने एक नया धूमकेतु खोजा है, जिसे नंगीं आंखों से अगले माह देखा जाने वाले है। ऐसी खगोलीय घटना 50 हजार सालों में कभी-कभार ही होता है। खगोलविदों के मुताबिक आने वाले सप्ताह में ये धूमकेतु पृथ्वी और सूर्य को पार करने वाले है।
बीते वर्ष मार्च में बृहस्पति ग्रह के पास से गुजरते हुए इस धूमकेतु को पहली बार देखा गया था। Zwicky क्षणिक ट्रांजिट के उपरांत इस धूमकेतु को C/2022 E3 (ZTF) नाम भी दिया जाने वाला है। खगोलविदों के अनुसार, हमारे सौर मंडल की यात्रा करने के बाद यह 12 जनवरी को सूर्य के सबसे पास आ जाएगा और 1 फरवरी को पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरने वाला है। इस बीच लोग दूरबीन की एक अच्छी जोड़ी के साथ इसे देख सकेंगे। खगोलविदों ने कहा है कि नंगी आंखों से भी इस धूमकेतु को देखना आसान होने वाला है, बशर्ते शहर की रोशनी या चंद्रमा से आकाश बहुत अधिक रोशन न हो।
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिकी के प्रोफेसर थॉमस प्रिंस,जो ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी में कार्य करते हैं, ने AFC को कहा है, धूमकेतु "पृथ्वी के सबसे करीब होने पर सबसे चमकीला होने वाले है।" पेरिस वेधशाला में एक खगोल वैज्ञानिक निकोलस बीवर ने बोला है कि बर्फ और धूल से बने और हरे रंग की आभा उत्सर्जित करने वाले इस धूमकेतु का व्यास लगभग एक किलोमीटर होने का अनुमान है।
बीवर ने कहा है कि, "यह NEOWISE धूमकेतु से काफ़ी छोटा होगा, जिसे बिना दूरबीन की सहायता के नंगीं आँखों से आखिरी बार मार्च 2020 में पृथ्वी को पार करते हुए देखा जा चुका है। 1997 में भी दिखाई दिए हेल-बोप धूमकेतु का व्यास 60 किलोमीटर के तकरीबन था लेकिन नवीनतम धूमकेतु बहुत बड़ा नहीं है।" बीवर ने बोला है कि 1 फरवरी के आसपास पूर्ण चंद्रमा धूमकेतु देखने की राह में रोड़ा अटका सकता है लेकिन उत्तरी ध्रुव में उन्होंने जनवरी के आखिरी सप्ताह में इसे देखने का सुझाव दिया है, जब धूमकेतु उरसा माइनर और उरसा मेजर नक्षत्रों के मध्य से गुजरने वाला है। उन्होंने कहा कि 21-22 जनवरी के सप्ताहांत के दौरान अमावस्या स्टारगेज़र्स के लिए यह एक अच्छा मौका प्रदान करेगी।
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