कोरोना प्रकोप की वजह से बाजार की स्थिति चिंता जनक है और लगभग पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी फैलने के साथ हालात दिनों दिन खराब होते नजर आ रहे हैं. भारतीय बाजार पर भी इसका प्रतिकूल असर हुआ. आगे की स्थिति को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है और जैसा कि दुनिया भर की सरकारें और वैश्विक संगठन इस आपदा से निपटने के उपाय और तरीके अपना रहे हैं, यह लड़ाई लंबी खिंचती नजर आ रही है. हालात चुनौतीपूर्ण जरूर हैं, लेकिन यह भी सच है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ. हमने हमेशा ऐसी आपदाओं का डट कर सामना किया है. इसलिए बाजार यदि मौका दे रहा है तो इसका फायदा उठाएं.
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इस भयावह स्थिति में एक निवेशक के तौर पर मैं चिंतित हूं. खुद से सवाल कर रहा हूं कि मौजूदा परिस्थितियों में क्या किया जाए. चिंता गहराने की वजह यह है कि कुछ ही समय में मेरी संपत्तियों की वैल्यू काफी घट गई है. एक महीने से भी कम समय में सेंसेक्स करीब 30 प्रतिशत नीचे आ गया है. लेकिन, मैं यह भी जानता हूं कि कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए अभूत पूर्व हालात के कारण तमाम छोटे-बड़े कारोबार प्रभावित हो रहे हैं. अर्थव्यवस्था की रफ्तार थम गई है और महामारी रोकने के प्रयासों से सभी तरह के बिजनेस, चाहे वे किसी भी आकार और प्रकृति के हों, किसी न किसी तरीके से प्रभावित हुए हैं. यह भी तय है कि अभी कुछ हफ्तों तक यह सब जारी रहेगा.
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देर सबेर हम इस संकट से बाहर आ रही जाएंगे, हमें पूरा भरोसा है कि सरकार औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए कुछ कदम उठाएगी. प्रोत्साहन पैकेज की भी संभावना है. कुल मिलाकर रिकवरी तो होनी ही है. सवाल केवल यह है कि इसमें कितना वक्त लगता है.
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