हाईटेक होती युवा पीढ़ी के पास अब मनोरंजन के बहुत से साधन हैं। समय बदला, बच्चों और युवाओं के खेल - खिलौने, मौज - मनोरंजन के साधन बदले। पहले जो बेटियां सलवार - कमीज पहनकर काॅलेज से घर और घर से काॅलेज जाने तक सीमित रहती थीं वे ही अब काॅलेज परिसर में स्कूटर पर जींस और टीशर्ट पहने रहती हैं।
हां इनके हाथ में अब न तो चाय का ग्लास होता है और न ही काॅफी का मग ये लड़कियां तो सिगरेट के धुंऐ का छल्ला उड़ाते हुए अपने ग़म गलत करने लग जाती हैं। ऐसा ही एक वीडियो सामने आने के बाद यह साफ हुआ कि अकेले दिल्ली विश्वविद्यालय में कश नहीं लगते हैं।
सिगरेट के कश अब जोधपुर गर्ल्स कॉलेज में भी लग जाते हैं। यूं तो शिक्षण संस्थानों के परिसरों के करीब 200 मीटर के दायरे में भी किसी तरह के पान - मसाला, तंबाकू की दुकानें नहीं होना चाहिए। मगर अब तो शैक्षणिक परिसरों में ही विद्यार्थी किताब - काॅपियां छोड़कर सिगरेट के कश लगाते हैं।
इस वीडियो के सामने आने के बाद इस तरह की बातें साफ नज़र आ रही हैं, हालांकि यह वीडियो पुराना है, लेकिन jnu विश्वविद्यालय में भी सिगरेट, शराब के सेवन के साथ ही कई तरह के कार्य होने की बात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कही थी, जिसके बाद यह वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।