नई दिल्ली : कोल ब्लाॅक आवंटन के एक मामले में उद्योगपति नवीन जिंदल पर सीबीआई का शिकंजा कसता नज़र आ रहा है। सीबीआई जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के शासनकाल के दौरान एक कोयला खदान में उन्होंने भ्रष्टाचार करते हुए गलत तथ्य दाखिल किए। श्री जिंदल के साथ यूपीए सरकार में कोयला राज्यमंत्री दासारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव एच. सी. गुप्ता समेत 10 लोगों के विरूद्ध दिल्ली की विशेष कोर्ट में चार्जशीट दायर की जा रही है।
54 पेज की चार्जशीट में सीबीआई ने आरोप लगाते हुए जाहिर किया कि जिंदल उनकी कंपनी जिंदल स्टील पावर लिमिटेड ने वर्ष 2007 में अमरकोंडार, मर्गाडांगल कोल ब्लाॅक हासिल करने के लिए श्री राव को रिश्वत दी बल्कि अपनी कंपनी को लेकर गलत तथ्य पेश किए गए थे। कोयला सचिव श्री गुप्ता की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी ने इन तथ्यों की प्रामाणिकता पर ध्यान नहीं दिया।
मामले में यह बात सामने आई है कि राव की कंपनी सौभाग्य मीडिया के शेयर भी जिंदल समूह ने खरीदे। शेयरों की खरीदी 100 रूपए प्रति शेयर के अनुसार की गई थी जबकि शेयरों का मूल्य 28 रूपए था। चार्जशीट में पैसे के लेनदेन का पूरा खाका पेश किया गया।
मामले की जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट से अलग होकर की जा रही थी। मामले में यह बात भी सामने आई कि उद्योगपति श्री जिंदल की कंपनियों से सौभाग्य मीडिया को 2.25 करोड़़ रूपए की रिश्वत दी गई। सीबीआई चार्जशीट के अनुसार कोल ब्लाॅक एलोकेशन में कमेटी के निर्णय को राव ने प्रभावित किया। मिली जानकारी के अनुसार चार्जशीट को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री व कोयला मंत्री मनमोहन सिंह से भी सवाल किए जा सकते हैं उल्लेखनीय है कि कोयला मंत्रालय उक्त अवधि में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोयल मंत्री भी थे।
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