गांधीनगर। आज गुजरात के मुख्यमंत्री पद की दूसरी बार, शपथ ग्रहण करने और अपने मंत्रियों को राज्यपाल के माध्यम से शपथ दिलवाने के बाद गुजरात विधानसभा को लेकर चर्चा चलने लगी। गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद, भाजपा को 99 सीटों पर जीत मिली। इसी के साथ बहुमत में आई भाजपा के खेमें में उत्साह छा गया। हालांकि इस बार भाजपा को गुजरात में सौ सीटों से अधिक सीटें मिलने की संभावनाऐं थीं मगर भाजपा को 100 से भी कम सीटें मिली थीं।
ऐसे में चुनाव के पूर्व विभिन्न मसलों पर खतरे की घंटी सुनाई दी। भारतीय जनता पार्टी बीते 22 वर्ष में पहली बार इतनी कम सीटों के साथ अपनी सरकार बना रही है। रूपाणी को नितिन पटेल का साथ मिला है। पटेल राज्य में उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। कहा जा रहा है कि, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को ग्रामीा क्षेत्रों में विकास के गुजरात माॅडल के दायरे में लाना होगा। नितिन पटेल को पार्टी द्वारा दो जवाबदारियां दी जा रही हैं, पटेल वोटबैक में हुए, नुकसान की भरपाई की जाए इससे वर्ष 2019 में उन्हें पटेल समुदाय की नाराजगी का सामना न करना पड़े।
वर्ष 2014 में पार्टी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ करते हुए 26 सीटें पर सफलता का सामना करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा के रास्ते हेतु राज्य के लिए नीतियां निर्धारित करने में कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ गया। विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ व अनुभवी नेताओं को कांग्रेस के युवाओं को पछाड़ना होगा। अब सरकार से विकास कार्य करने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि भाजपा ने चुनाव में हिंदुत्व का भी जमकर प्रचार किया और यह माना गया कि कई क्षेत्रों में हिंदुत्व के कारण उसे वोट मिला है।
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