रांची : झारखंड में नई सरकार का गठन होने के कुछ माह बाद सरकार ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। सरकार द्वारा हाल ही में पुल निर्माण के कार्य को मंजूरी दे दी गई थी। जिसके बाद इसका शिलान्यास किया गया। झारखंड के इतिहास में इस पुल को सबसे लंबा पुल माना जा रहा हैं दरअसल यह पुल गढ़वा के कांडी प्रखंड क्षेत्र में सुडीपुर से पलामू तक यह पुल बनाया जाएगा। कोयल नदी पर बनने वाले इस पुल को लेकर भाजपा काफी उत्साहित है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस पुल निर्माण कार्य का हाल ही में शिलान्यास किया।
इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और भाजपा समर्थक मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इस पुल की लागत करीब 112 करोड़ रूपए आंकी गई है। पुल बनने के बाद अंतर्राज्यीय व्यापार और तेज़ हो जाएगा। पुल से पलामू के मेदिनीनगर, लातेहार, गढ़वा आदि जिले में एनएच - 2 से ये क्षेत्र संपर्क में आ जाऐंगे। शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी। इस दौरान चप्पे - चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात थे।
उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार को क्षेत्र के पिछड़ेपन और भ्रष्टाचार के लिए कोसा जाता रहा है। यही नहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं पर कई तरह के आरोप भी लगते रहे हैं। जिसे लेकर भाजपा ने चुनाव में प्रचार अभियान चलाया और झारखंड में विकास के वायदे किए। सरकार का मानना है कि कोयले के इस प्रदेश में सोना बरसाया जा सकता है। हालांकि यह तो आने वाले समय पर ही निर्भर है कि भाजपा यहां विकास की गति को किस तरह से आगे बढ़ाती है लेकिन इस पुल के शिलान्यास से क्षेत्रवासियों को कुछ उम्मीद जरूर बंधी है।