पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के पांचवे स्थापना दिवस के मौके पर सरकारों कर्मचारियों पर बरसते हुए दिखे. उन्होंने सरकार की तरह से पर्याप्त तनख्वाह मिलने के बाद भी सरकारी कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने की बात पर सवाल उठाया. इतना ही नहीं उन्होंने शिक्षको को घेरे में लेते हुए कहा कि शिक्षक भी स्कूल में नहीं पढ़ाते है जहा वे काम करते है.
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित 475 नवनिर्मित शैक्षणिक भवनों का उद्घाटन किया. इसके के बाद मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि इनके निर्माण में आरटीजीएस के अंतर्गत भुगतान किया गया है, लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले कोई ना कोई उपाय निकाल ही लेते है. कहीं-कहीं काम हुआ नहीं और अग्रिम राशि पहले ही निकाल ली जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्व बैंक से ऋण लिया है. इस राशि का प्रयोग शिक्षको को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाएगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि अभी सरकारी कर्मचारियों को जो मिलता है, उससे अच्छा जीवन जिया जा सकता है. भ्रष्टाचार तो लालच की चीज हो गयी है और मनोरोग हो गया है. कुछ तो ऐसे हैं कि जिनकी कोई संतान नहीं है, फिर भी पैसा बना रहे है. कफन की कोई जेब नहीं होती, माल बना कर क्या करेंगे? भ्रष्टाचार एक बीमारी है और जल्द ही इस बिमारी का हल निकाला जाएगा. जिस जुगाड़ टेक्नोलॉजी से लोग भ्रष्टाचार करते रहते हैं, आइटी (इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी) उसे रोकने के लिए कोई उपाय जरूर निकला जाएगा. उन्होंने कहा कि आज ऐसा समय आ गया है कि आज स्कूलों में शिक्षक हो गये हैं, लेकिन शिक्षकों को जहां वे काम कर रहे हैं वहां विश्वास नहीं है. इसलिए तो वे अपने बच्चों को अपने स्कूल में पढ़ाना उचित नहीं समझते है.
इस उद्घाटन समारोह में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त एसके नेगी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, सचिव चंचल कुमार, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजीवन सिन्हा, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के प्रो.वीसी प्रो. एसएम करीम, उच्च शिक्षा निदेशक खालीद मिर्जा, कामेश्वर झा शामिल हुए थे.
निर्माण में देरी से लागत में होती है वृद्धि
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को तय समय सीमा के अंदर भवनों के निर्माण कराने का आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण में विलम्ब होने से लागत में वृद्धि होती है. थोड़ी सी देरी से अरबों का घाटा होने की सम्भावना होती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी भवन निर्माण हो उसकी गुणवत्ता हो. कहीं कोई कमी रह गयी तो समस्या का सामना करना पड़ सकता है. स्कूलों में जो सीढ़ियां बने वह चौड़ी हो और किसी भी आपदा के लिए अतिरिक्त सीढ़ियों का भी निर्माण करवाया जाए. जो भी भवन बने वह भूकंपरोधी हो और शौचालयों का निर्माण किया जाए. भवन निर्माण में उच्चस्तरीय गुणवत्ता को ध्यान में रखा जाए
475 भवनों का हुआ उद्घाटन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा 623 करोड़ की लागत से बने 475 भवनों का शुभारम्भ किया गया. इनमें 250 माध्यमिक स्कूल के भवन, 85 मॉडल स्कूल के भवन, 82 बालिका छात्रवास भवन और 55 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन, दो परीक्षा भवन और एक जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान भवन सम्मिलित है. निगम ने पांच सालों में अब तक 662 भवनों का निर्माण कराया है, जबकि 1800 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
अब शिक्षा में गुणवत्ता की चुनौती
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में बहुत सारे नवीन शिक्षको कि नियुक्ति की गयी है. स्कूल भवनो के निर्माण का कार्य किया जा रहा है. जो बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे, उन्हें स्कूल भेजने के प्रयास किये जा रहे है. सरकार के सामने गुणवत्ता की चुनौती है. ऐसी गुणवत्ता लाये कि लोग सरकारी स्कूलों में ही अपने बच्चों पढ़ाने का निर्णय ले. इसके लिए राज्य सरकार ने विश्व बैंक से ऋण लिया है. इस राशि से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि शिक्षकों की गुणवत्ता बेहतर हो और बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके. अगर लड़की 12वीं तक पढ़ लेंगी तो जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण किया जा सकता है. बाल विवाह-भ्रूण हत्या जैसे कुरीतियों पर भी नियंत्रण किया जा सकता है.