चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले से एक बड़ी खबर आई है। जी दरअसल यहाँ आज बादल फट गए हैं जिसके चलते बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। मिली जानकारी के तहत इस घटना में चमोली के नारायणबागर प्रखंड के पंगाटी गांव में सीमा सड़क संगठन (BRO) के लिए काम कर रहे मजदूरों के टेंट भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। वहीं अब SDRF की टीम मजदूरों को रेस्क्यू कर रही है। इसी के साथ अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आप सभी को बता दें कि इससे पहले पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे उमा माहेश्वर आश्रम (कर्णप्रयाग) के पास करीब आठ घंटे तक बाधित रहा।
The cloud burst incident in Uttarakhand's Chamoli district has affected temporary shelters of BRO (Border Road Organisation) labourers in Pangati Village of Narainbagar block. According to the district administration, no casualties have been reported so far. pic.twitter.com/q5d4PGyqcM
— ANI (@ANI) September 20, 2021
वहीं एनएच की तरफ से रात में मशीनें लगाकर मलबा हटा दिया गया था, हालाँकि रात को ही फिर से पहाड़ी दरकी और यातायात बंद हो गया है। बताया जा रहा है यहाँ लैंडस्लाइड के बाद से करीब 200 वाहन फंसे हुए हैं। वहीं रात में हाईवे न खुलता देख तीर्थयात्री और अन्य लोग आसपास के होटलों में रुके हुए हैं। बीते शनिवार और रविवार को कर्णप्रयाग में उमा माहेश्वर आश्रम के पास पहाड़ी से भूस्खलन होने से मलबा हाईवे पर आ गया, जिससे बदरीनाथ, जोशीमठ, चमोली, गोपेश्वर सहित कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर व नजदीकी क्षेत्रों में जाने वाले वाहन फंस गए थे।
बताया जा रहा है देर रात इस रास्ते को खोल दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ ऑलवेदर रोड पर भी बरसात के दौरान बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर से लेकर लामबगड़ तक कई नए भूस्खलन जोन सामने आ रहे हैं, इनमें उमा माहेश्वर आश्रम के पास सबसे बड़ा भूस्खलन जोन नजर आ रहा है।
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