लाखों में बिकने वाली कॉफ़ी को इस घिनौनी प्रक्रिया से गुज़ारा जाता है
लाखों में बिकने वाली कॉफ़ी को इस घिनौनी प्रक्रिया से गुज़ारा जाता है
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कॉफी पीना सभी को पसंद होता है और अधिकतर लोग कॉफ़ी ही पसंद करते हैं. लेकिन आपको बता दें ये कैसे बनती है. पेहले बता दें, कॉफ़ी के फलों को पेड़ से तोड़ने के बाद, फैक्ट्री में प्रोसेस करके तैयार करके मार्केट में बेच दिया जाता है. लेकिन लूवक (Luwak) कॉफी के बीजों को प्रोसेस होने से पहले एक अनोखी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है, ये कह सकते हैं कि किस तरह ये घिनौनी प्रक्रिया है. इसमें इनके फलों को सिविट जानवरो को खिलाया जाता है और सुबह उसके मल को इकठ्ठा किया जाता है.  

इतना ही नहीं आपको बता दें  लूवक कॉफी का मुख्य उत्पादन इंडोनेशिया में होता है. इसे विश्व की सबसे महंगी कॉफी होने का खिताब प्राप्त है जिसकी कीमत इसके स्वाद के अनुसार 2 लाख रुपए प्रति किलो तक है.  जानें कैसे होती है ये तैयार. 

कैसे तैयार होती है लूवक कॉफी:

* पेड़ से तोड़े गए लूवक कॉफी के लाल – लाल फल, रात को सिविट को खिलाय जाते है. 

* सिविट फलों के ऊपरी हिस्से को तो डाइजेस्ट कर लेते है पर बीज को डाइजेस्ट नहीं कर पाते है.  

* बीज मल के साथ बाहर आ जाते है, जिन्हे की धोकर इकठ्ठा करके आगे की प्रक्रिया के लिए भेज दिया जाता है. 

* लूवक कॉफी का स्वाद जिसकी की दुनिया दीवानी है, इस विशेष प्रक्रिया के कारण ही आता है. 

इसकी एक कप कॉफी पीने के लिए आपको 2500 से 5000 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. भारत में आपको यह कॉफी केवल कुछ चुनिंदा मल्टी ब्रांड रिटेल स्टोर पर मिल सकती है. 

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