हाल ही में ऑक्सीजन आपूर्ति के मुद्दे पर हुई घटना में 11 लोगों की जान चली गई थी। चित्तौड़ के जिला कलेक्टर हरि नारायणन ने तिरुपति आरयूआईए घटना की जांच शुरू की है। आपको बता दें कि कलेक्टर ने कहा कि कम ऑक्सीजन के दबाव के कारण 11 लोगों की मौत हो गई थी और चेन्नई से ऑक्सीजन टैंकर में देरी का कारण था।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की तत्काल वसूली ने कई लोगों की जान बचाई और समय पर ढंग से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने से बड़ी दुर्घटना को टाला गया। कलेक्टर ने कहा कि एक हजार लोगों का इलाज आरयूआईए में किया जा रहा है। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मेकापति गौतम रेड्डी ने तिरुपति रूइंसीडेंट पर झटका व्यक्त किया। मंत्री ने कहा कि मृतक के परिवारों का ध्यान रखा जाएगा।
मंत्री ने उन डॉक्टरों और कर्मचारियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने तुरंत ऑक्सीजन बहाल किया और सैकड़ों लोगों की जान बचाई। हालांकि, यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि अधीक्षक डॉ. भारती ने तिरुपति रुइया घटना पर सदमे व्यक्त किए। उसने समझाया कि श्रीपरमबदुरु से जो ऑक्सीजन आने वाली थी, वह समय पर नहीं पहुंची। डॉ. भारती ने कहा कि विकल्प के रूप में थोक सिलेंडर स्थापित किए गए थे।
उत्तर प्रदेश: जहरीली शराब पीने से 5 की मौत, 4 की हालत नाज़ुक
सत्येंद्र जैन बोले- दिल्ली में घट रही कोरोना की रफ़्तार, बढ़ाई गई टेस्टिंग
रेलवे में 10वीं पास के लिए भी नौकरी पाने का अंतिम अवसर, जल्द करें आवेदन