चीनी लोगो को नहीं अपनाने पड़ेंगे बच्चे पैदा करने के हथकंडे
चीनी लोगो को नहीं अपनाने पड़ेंगे बच्चे पैदा करने के हथकंडे
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चीन ने हाल ही में अपनी 3 दशको से चली आ रही क्रूर ‘One Child Policy’ को पूरी तरह खत्म कर ‘Two Child Policy’ को स्वीकृति दे दी है, बढती हुई आबादी के उम्र में असंतुलन और गिरते हुए लिंग अनुपात के कारण लम्बे समय से चली आ रही लड़ाई में माना जा रहा है नागरिको की जीत हुई है.

आंकड़े कुछ और कहते है

प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक 2008 के सर्वेक्षण में पाया गया की 76% चीनी आबादी अब एक बच्चा नीति का समर्थन करती है. वही दूसरी ओर समाज विज्ञानिक स्टीवन मोशेर की किताब के अनुसार सरकारी अधिकारी 8.5 महीने की पेट से महिलाओ और प्रसव पीड़ा में आ चुकी महिलाओ के एबॉर्शन कर बच्चो को इंजेक्शन दे कर मर दिया जाता रहा है. चीन का दावा है की एक बच्चा नीति के अंतर्गत 400 मिलियन बच्चे को पैदा होने से रोका कर आबादी को काबू किया है. पर थाईलैंड, केरला, तमिल नाडू और कई देशो में भी 1970 से प्रति महिला 5 के औसत से बच्चे पैदा करने का अकड़ा प्रति महिला 2.8 तक आया है जहा एक बच्चे की नीति नहीं है तो चीन की नीति कारगर केसे?  

चीन भी भारत की तरह बढती आबादी और उससे उपजती प्रदुषण, बेरोज़गारी, आर्थिक विषमता, लिंग अनुपात, महंगाई, जगह की कमी जैसे अनेक समस्याओ से जुझ रहा है. अंतर इतना है की मानसिकता, एजुकेशन, गुणवता में चीन ज्यादा शक्षम है, 50 के दशक में  मो ज़ेडोंग के 2 से जादा बच्चे पैदा करने को बढ़ावा देने के बाद आबादी इतनी बाद गई की 1979 में एक परिवार में 1 ही बच्चे की नीति अपनानी पड़ी. तब ही से चीन में इस वैश्विक रूप से विवादित नीति के कई परिणाम सामने आए है जो सभी देशो के लिए सिख है.

मिल गई थी नियमों में ढील

खेर चीन ने विरोध के चलते धीरे धीरे 22 तरीके दिए जिनसे 2 बच्चे पैदा करने की आज़ादी मिलजाती थी. 2007 में, केवल 35.9% जनसंख्या ही एक बच्चे की सीमा के अधीन थे. 52.9% को दूसरे बच्चे को जन्म देने की अनुमति दी गई अगर पहले एक बेटी हुई है. इस के अतिरिक्त 9.6% चीनी जोड़ों को दो बच्चों की अनुमति दी गई बिना पहले बच्चे के लिंग की परवाह किए  और 1.6% जो मुख्यतः तिबती थे सभी सीमाए हटा ली गई. लोगो का विरोध में तर्क है की क्या सरकार अब ये भी निर्णय लेगी की उनके घर में कितने बच्चे हो?

चीनी लोगो के बच्चे पैदा करने के हथकंडे

चीन में शुरुआती दिनों में चीन के लोगो ने कई हथकंडे अपनाए, जैसे लिंग चयन, महिला ब्रून हत्या, बच्चो को गोद लेने में चयन, दवाइयों से पहली बार में ही जुड़वाँ बच्चो को पैदा करना, गेर क़ानूनी तरीके से बच्चे पैदा कर उन्हें जनसंख्या सूचि में नाम न लिखना, जुरमाना भर कर बच्चे पैदा करना, इन्टरनेट से सिख कर घर पर ही छोटी, सस्ती सोनोग्राफी मशीन से लिंग परिक्षण करना, और विदेश जा कर बच्चे पैदा करने जेसे कई मामले सामने आए.  

चीन में 1 – 2 का 4, 4 - 2 का 1

चीन को पालिसी के कारण कई समस्याए और भी झेलना पड़ रही थी जेसे आबादी के ज़रूरत से कम बढ़ने पर ज़रूरते भी अनुपात में कम बढ़ रही थी जिससे ज़मीं के भाव, देनिक उपयोगी वस्तुओ के भाव, खाद्य और खुदरा महंगाई अर्थ शास्त्र के नियम अनुकूल नहीं बढ़ रहे थे.

पहले तो शादी के लिए युवा को युवतियां की कमी पड़ने से ज्यादा तलाश करना पड़ रही है. वही शादी के बाद दो परिवारों को इकलौता कमाऊ सदस्य होने के कारण अपने 2 माता पिता के साथ लड़की के भी 2 माता पिता का बोझ उठाना पड़ता रहा है. और इतना ही नहीं अगर 4 माता पिता के भी माता पिता जीवित है तो उन 8 बुजुर्गो का भी बोझ उठाना पड़ता है. कभी कभी तो एक हि घर में सभी को रहना पड़ता है क्योकि लड़की भी अपने परिवार में इकलौती है और बूढ़े माँ-बाप को देख रेख की जरुरत पड़ती है, इसे चीन में 4 - 2 – 1 समस्या का नाम दिया गया है, जिसके कारण चीन का सामाजिक ढांचा ही चर्मरा गया है.

भले ही लड़की के माता पिता की संपत्ति का भी हिस्सा लड़के को मिले पर माता पिता के रिटायर्ड हो जाने से महीने का खर्च तो लड़के को उठाना पड़ता ही है. लड़की के कमाने पर आर्थिक सहयोग ज़रूर मिल जाता है.

'हिमांशु मुरार'

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