बीजिंग: भारत-प्रशांत क्षेत्र के बाद अब चीन दक्षिण चीन सागर में भी अपना वर्चस्व कायम करने की कोशिशें कर रहा है, दक्षिण चीन सागर में चीन ने पहली बार बम वर्षक विमान तैनात किए हैं. चीन के इस कदम से अमेरिका ख़ासा नज़र दिखाई दे रहा है. अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि चीन का यह कदम क्षेत्र में तनाव पैदा करेगा. वहीँ चीनी वायुसेना का कहना है कि उन्होंने दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरने और उतरने के प्रशिक्षण के तौर पर उनके एच-6 के बमवर्षक सहित युद्धक विमानों को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है.
हांग-कांग के दक्षिम चीन मॉर्निंग पोस्ट में पीपुल्स लीबरेशन एयर फोर्स को यह कहते हुए उद्धृत किया, “इस प्रशिक्षण ने वायु सेना के पूरे क्षेत्र में पहुंचने, पूरी क्षमता और सटीक समय में मार करने की क्षमता को बढ़ा दिया है.” सूत्रों के मुताबिक पेंटागन के एक प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन ने इस अभ्यास को चीन की ओर से इस विवादित क्षेत्र का सैन्यकरण करने की कोशिश बताया है.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (18 मई) को कहा था कि उत्तर कोरिया के साथ निर्धारित शिखर वार्ता ना होने पर अमेरिका अगला कदम उठाएगा. इसके साथ ही उन्होंने दोनों नेताओं के बीच होने वाली ऐतिहासिक वार्ता पर प्योंगयांग के रुख बदलने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था.
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