कभी देखा है एक पिता द्वारा अपने बच्चे को ब्रैस्ट फीड करवाते हुए
कभी देखा है एक पिता द्वारा अपने बच्चे को ब्रैस्ट फीड करवाते हुए
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शंघाई : हम जानते है की एक माँ के लिए अपने नवजात बच्चे को पालना कितना मुश्किलों भरा होता है. महिलाओ की इसी तरह की मुश्किलों भरी परिस्थितियों को महसूस करने के लिए शंघाई में तीन पिता नवजात बच्चों की देखभाल एक मां की तरह करने का अनुभव प्राप्त कर रहे हैं। ये तीनों पिता बच्चे के जन्म लेने के पश्चात किस तरह से माँ द्वारा नवजन्मे बच्चे की देखरेख की जाती है, उस अहसास का अनुभव करने की कोशिश कर रहे है। इन्हे इस दौरान बच्चे के डायपर बदलने से लेकर बच्चे को दूध पिलाने तक की सारी ट्रेनिंग दस दिनों तक दी गई। ये वो अनुभव थे जो एक मां ही महसूस कर पाती है, इस दौरान बच्चे की माँ को बहुत सी परेशानियों का सामना करना होता है. इस दौरान माँ सभी कामो को भूलकर सिर्फ और सिर्फ बच्चे की परवरिश में ही अपना ध्यान केंद्रित रखती है. 

इस दौरान उन्हें फोन पर फ्रेंडस या परिजनों से बात करना, टीवी देखना, शॉपिंग के लिए बाहर जाना जैसे कई मनपसंद कामों से दुरी बनानी पड़ती है. अकसर माएं अपने सारे शौक और इच्छाओं को केवल इसलिए छोड़ देती हैं ताकि वो अपने बच्चे को समय दे पाएं और उनकी परवरिश में कोई कोताही न हो। इस दौरान पुरुष इन सब बातो पर ध्यान नही रख पत्नी को यथोचित सम्मान और समय नहीं देते है. यह अनुभव चीन के शंघाई में एक वर्कशॉप के दौरान देखने को मिला. तथा इसके द्वारा इन तीनो युवको को यह महसूस करवाने की कोशिश की गई की एक मां के लिए बच्चे को पालना कितना मुश्किलों भरा होता है. 

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