भारत-चीन सीमा से सटे हुए ऊँचे पहाड़ी क्षेत्र तिब्बत में अब चीन अपने लड़ाकू विमानों को उड़ा सकेगा और भारत के खिलाफ अपनी नई साजिशें रचेगा. मिली जानकारी के मुताबिक चीन ने अपने तीसरी पीढ़ी के विमानों की ऊँचे क्षेत्रों में उड़ान के दौरान इंजन से जुड़ी समस्याओं से संभवतः निजात पा लिया है.
हॉन्गकॉन्ग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने बर्फ से ढंके पहाड़ों के ठीक ऊपर उड़ रहे चेंग्दू जे-10 और शेन्यांग जे-11 लड़ाकू विमानों के अभ्यास के वीडियो फुटेज ऑनलाइन डाले, जिससे लगता है कि सेना ने इन विमानों की ऊंचे इलाकों में उड़ान के दौरान आने वाली इंजन की समस्या से छुटकारा पा लिया है.
ये लड़ाकू विमान चीन की तीसरी पीढ़ी के हल्के, बहुपयोगी लड़ाकू विमानों के बेड़े का हिस्सा हैं, जिनमें रूसी एएल-31 एफ इंजन लगे हैं. जे-11 चीन की तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े का भी हिस्सा हैं. सैन्य निरीक्षकों के मुताबिक इंजन पहले 3,000 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर काम करना बंद कर दे रहे थे जिससे कई हादसे हुए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के पास भी तीसरी पीढ़ी के उन्नत तकनीक से लेस कई जबरदस्त लड़ाकू विमान हैं जिनमें सुखोई सु-15 फ़्लैगन, मिकॉयन-गुरेविच मिग -25 'फॉक्सबैट' शामिल हैं.
लोगों की आंखों में 'मोदी लहर' का पानी सूख चुका है- शिवसेना
चैत्र नवरात्रि 2018 : कन्या पूजन और कन्या भोज से होनें वाले चमत्कारी लाभ
टीडीपी ने एनडीए से समर्थन वापस लिया