इस्लामाबाद : पाकिस्तान के एक पूर्व राजनयिक का दावा है कि भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता नहीं मिलेगी, क्यों कि चीन इसका विरोध करेगा। बता दें कि भारत को एनएसजी के मामले में अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। ये बातें स्ट्रेटेजिक विजन इंस्टीट्यूट और कोनराड एडेनौर स्टिफटंग द्वारा इंटरनेशनल न्यूक्लीयर ऑर्डर पर संयुक्त रूप से आयोजित सम्मेलन में कही गई। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि रह चुके और निःशस्त्रीकरण पर सम्मेलन में दूत जमीर अकरम ने उपरोक्त दावे किए है।
पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने अकरम के हवाले से कहा है कि भारत के एनएसजी में शामिल होने की कोई गुंजाइश ही नहीं है। क्यों कि चीन भारत को कभी भी 48 देशों के एनएसजी समूह से जुड़ने नहीं देगा। दरअशल इसका मूल कारण ये है कि इससे चीन का पाकिस्तान के साथ परमाणु सहयोग प्रभावित होगा।
चीन इस बात पर अड़ा है कि भारत और पाक दोनों को एक साथ सदस्यता दी जाए। उन्होंने कहा कि चीन के अलावा कुछ और ऐसे देश हैं जो भारत के मामले में दिखाए जा रहे दोहरे मानदंड से परेशान हैं और वे पहल आधारित मानदंड का आह्वान कर रहे हैं।
पिछले एक माह के भीतर यह दूसरी बार है, जब पाकिस्तान के अधिकारियों ने भारत की एनएसजी में सदस्यता पर संदेह जताया है। पिछले महीने राष्ट्रीय कमान प्राधिकार के सलाहकार सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल खालिद किदवई ने संवाददाता सम्मेलन में भारत की ओर इशारा करते हुए कहा था कि एनएसजी में हमारे भी दोस्त हैं जो ऐसा नहीं होने देंगे।