भारत से चीन की मुठभेड़ के बाद से ही चीन भारत को हराने के कई सम्भव प्रयास कर रहा है. जिसमे वह निरंतर नाकाम हो रहा है. परन्तु इन सबके बावजूद भी चीन बाज़ नहीं आ रहा है. अभी की यदि बात कि जाए तो अभी चीन अगले पांच सालों 2020 और 2025 के बीच छह से आठ परमाणु रिएक्टरों (Nuclear Reactors) का निर्माण करने जा रहा है. देश के परमाणु संघ का हवाला देते हुए चीन डेली ने गुरुवार को अपने बयान में बताते हुए कहा, कि मई की तुलना में चीन अपनी मौजूदा क्षमता को 43.5 फीसद बढ़ाकर 70 गीगावॉट (Gigawatts) करेगा.
बता दे, की चीन की न्यूक्लियर एनर्जी एसोसिएशन ने कहा है, कि देश की कुल परमाणु क्षमता 2020 के अंत तक 52 गीगावॉट पर रहने की उम्मीद है, जो की 58 गीगावॉट के उद्देश्य से कम है, लेकिन जल्द ही यह फिर से पटरी पर आ जाएगा और साल 2035 तक लगभग 200 गीगावॉट के संचालन की क्षमता हो जाएगी. वही 2011 में जापान में फुकुशिमा आपदा के बाद नई परियोजनाओं पर चार साल की रोक के साथ-साथ पहले से चल रही प्रमुख परियोजनाओं में खराब तकनीक के इस्तेमाल की वजह से हुई देरी से चीन की परमाणु ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं पर अधिक असर पड़ रहा है.
वही सरकारी अधिकारियों ने यह कहा कि अप्रैल में कोरोना वायरस के प्रकोप का असर परमाणु उद्योग पर नहीं है. हालांकि इस साल कोई नया रिएक्टर नहीं सौंपा गया है. राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में छह नए रिएक्टर को अनुमति दी गई थी. चीन की परमाणु क्षमता मई के अंत में 48.8 गीगावॉट रही, जो इसकी कुल उत्पादन क्षमता का 2.5 फीसद है. आने वाले पांच सालो की तैयारी तो चीन ने कर ली है. लेकिन देखना ये है की चीन की ये योजनाएं कामयाब हो पाती है अथवा नहीं.
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