Jun 08 2016 02:28 PM
बीजिंग : अमेरिका और पाकिस्तान के बाद अब चीन भी भारत-ईरान के बीच हुए चाबहार समझौते पर आपत्ति जता रहा है। चीनी मीडिया में भारत और ईरान के बीच हुए 500 मिलियन डॉलर के चाबहार समझौते को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। चीनी मीडिया ने इस समझौते को ग्वादर बंदरगाह का जवाब बताया है।
बता दें कि ग्वादर बंदरगाह चीन और पाकिस्तान की संयुक्त परियोजना है, जो कि चाबहार से महज 72 किमी पूर्व में स्थित है। चीन के एक अखबार ग्लौबल टाइम्स ने एक संपादकीय में कहा है कि चाबहार समझौता भारत की भू रणनीतिक अकांक्षाओं का नमूना मात्र है।
बंदरगाह बनाने और चाबहार को विकसित करने से उत्तर-पश्चिमों क्षेत्रों में भारत की पैठ बढ़ सकती है। इसके अलावा मध्य पूर्व, मध्य एशिया और काकेशस में भी नई दिल्ली का प्रभाव बढ़ेगा। अखबार में चीन का पक्ष रखते हुए कहा गया है चाबहार प्रोजेक्ट से इस क्षेत्र में पाकिस्तान का आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव कम हो जाएगा।
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