भारत की सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को समर्थन देने से तिलमिलाए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के शासन ने भारत को इस तरह के कृत्यों से बचने को कहा है. भाजपा के दो सांसदों, मीनाक्षी लेखी और राहुल कसवान ने ताइवान की नव निर्वाचित राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के शपथ ग्रहण समारोह में वर्चुअली भाग लिया और उन्हें बधाई दी. त्साई को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ दिलाई गई थी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस कार्यक्रम में लेखी, कासवान और अमेरिकी विदेश माइक पोंपियो समेत 41 देशों के 92 प्रतिनिधि आमंत्रित थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध के कारण ये लोग कार्यक्रम में वर्चुअल रूप (वीडियो कांफ्रेंस) से शामिल हुए. चूंकि इस कार्यक्रम में भारत सरकार सीधे शामिल नहीं हो सकती थी इसलिए इन दोनों सांसदों ने सत्तारूढ़ दल भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में शिरकत की.
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कार्यक्रम में दो सांसदों के भाग लेने से बौखलाए चीन ने फौरन अपना विरोध जता दिया. चीन के विदेश मंत्रालय ने किसी का नाम लिए बिना आशा व्यक्त की हर कोई ताइवान की स्वतंत्रता के लिए अलगाववादी गतिविधियों का विरोध करे और चीन के लोगों का समर्थन करे.
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