भारत की NSG में सदस्यता, पाकिस्तान की दुखती रग को छुएगा
भारत की NSG में सदस्यता, पाकिस्तान की दुखती रग को छुएगा
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बीजिंग : न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता पर चीन ने पहली बार खुलकर बोलते हुए कहा कि इससे चीन को खतरा है और साथ ही भारत की सदस्यता पाकिस्तान की दुखती रग को भी छुएगी और परमाणु हथियारों को होड़ बढ़ाएगी। ये बातें चीन की आधिकारिक मीडिया ने कही।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की एनएसजी में सदस्यता से चीन के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया कि भारत और पाकिस्तान दोनों इस क्षेत्र की परमाणु ताकतें है। दोनों एक-दूसरे की परमाणु क्षमता को लेकर सजग रहते है।

भारत का आवेदन और उसके संभावित नतीजे जाहिर तौर पर पाक की दुखती रग को छुएगा। लेख में इस बात का भी जिक्र है कि पाकिस्तान भारत के साथ परमाणु ताकत में बड़ा फर्क देखने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में इसके फलस्वरुप परमाणु हथियारों की होड़ पैदा कर सकती है।

जिससे क्षेत्र की सुरक्षा प्रभावित होगी। न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में शामिल होने के लिए भारत और पाकिस्तान अपनी-अपनी ओर से हर मुमकिन कोशिश कर रहे है। चीन के अड़ियल रवैए को देखते हुए भारत ने रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बात की है।

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से फोन पर बात की। गौरतलब है कि रुस ने न्यूक्लियर डील को लेकर यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में भारत के रुख का सपोर्ट किया है। क्रेमलिन की ओर से जारी किए गए बयान में बताया कि मोदी ने ही पुतिन को फोन किया था।

इस मामले में मोदी और पुतिन की जल्द मुलाकात होने की भी संभावना जताई जा रही है। इस दौरान बातचीत दोनों देशों के बीच प्रैक्टिकल इश्यूज और को-ऑपरेशन पर फोकस रहेगा। लेकिन भारत की सदस्यता के विरोध में चीन ने दलील दी है कि एनएसजी को नए आवेदकों के लिए शर्तों में ढील नहीं देनी चाहिए।

एऩएसजी संवेदनशील परमाणु प्रौद्दोगिकी तक पहुंच को आसान बनाता है। इससे पहले तक कई देश भारत का इस आधार पर विरोध कर रहे थे कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर भारत की ओर से दस्तखत नहीं किया गया है। लेकिन अब इनमें से कई देशों ने नरमी दिखाई है, लेकिन चीन अब भी अपने रुख पर कायम है।

वियाना में भी चीन ने सीधे तौर पर अड़ंगा न लगाते हुए एनपीटी के जरिए अड़ंगा डाला है। 48 देशों के समूह एनएसजी में चीन के अलावा न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया भी भारत की दावेदारी के विरोध में हैं।

रविवार को चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन होंग लेई ने रविवार को दावा किया है कि वियना मीटिंग (9 जून) में भारत की मेंबरशिप पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। लेई ने कहा कि एनएसजी के मेंबर्स गैर-एनपीटी देशों को इस ग्रुप में एंट्री देने के मामले में बंटे हुए हैं। इस पर अब सियोल में 24 जून को होने वाली मीटिंग में चर्चा होगी।

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