महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री ने दी लॉकडाउन की चेतावनी, कहा- 'रोजगार गया तो वापस आ जाएगा, जीवन नहीं'
महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री ने दी लॉकडाउन की चेतावनी, कहा- 'रोजगार गया तो वापस आ जाएगा, जीवन नहीं'
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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते शुक्रवार को राज्य की जनता से संवाद किया। जी दरअसल मुख्यमंत्री ने रात 8।30 बजे सोशल मीडिया के माध्यम से जनता को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सबसे पहले लॉकडाउन की चेतावनी दी। उन्होंने कहा अभी उन्होंने लॉकडाउन नहीं लगाया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, 'दो दिनों तक वे और भी कुछ विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे तब फैसला लेंगे।' इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, 'मुझे मालूम है कि लॉकडाउन बेहद घातक उपाय है। अर्थव्यवस्था चलानी है तो लॉकडाउन लागू करना मुश्किल है। लेकिन गया हुआ रोजगार वापस आ जाएगा, जीवन वापस नहीं आएगा। लॉकडाउन हम टाल सकते हैं। लेकिन लॉकडाउन के बदले उपाय क्या है? मुझे सुझाव दीजिए।'

इसी के साथ संबोधन देते हुए उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा, 'लोग कहते हैं कि स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाएं। हम तैयार हैं ना। सुविधाएं बढ़ा भी रहे हैं। बेड्स की कमी है, ऑक्सीजन की कमी है, वेंटिलेटर्स की कमी है। इन सारी कमियों को पूरा किया जा सकता है। लेकिन डॉक्टरों की कमी कैसे पूरी करें? यह बड़ी चुनौती है। अगर पेशेंट इसी तरह से बढ़े तो डॉक्टरों की कमी विकराल होती हुई दिखाई देगी। लोग कहते हैं कि वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाओ। देश में महाराष्ट्र ही ऐसा राज्य है जिसने एक दिन में 3 लाख तक वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बनाया। 65 लाख नागरिकों वैक्सीनेशन हो गया है। केंद्र से हमने और वैक्सीन की मांग की है।' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा, 'वैक्सीन लेना कोई कोविड नहीं होने की गारंटी नहीं है, इसलिए कोरोना नियमों का पालन जरूरी है। पहले हम 75 हजार टेस्टिंग कर रहे थे अब 1 लाख 82 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। इसे ढाई लाख तक ले जाना है। इनमें भी ज्यादा RT-PCR टेस्टिंग करेंगे। राज्य में 70 प्रतिशत RT-PCR टेस्ट किए जा रहे हैं।' इसके अलावा संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि, 'लॉकडाउन उपाय नहीं है, लेकिन उससे पहले कोरोना से लड़ने के लिए दृढ़ निश्चय जरूरी है कि कोरोना को हम रोकने के लिए क्या करेंगे। सरकार लॉकडाउन लगाने जा रही है क्या? इसकी चिंता करने से ज्यादा जरूरी है कि हम ये सोचें कि हम कोरोना को रोकने के लिए क्या कर रहे हैं। सरकार को गरीबों की रोजी-रोटी भी बचानी है लेकिन उससे पहले हमें लोगों की जान बचानी है।'

आगे संबोधन में उन्होंने यह भी कहा, 'लॉकडाउन लगाने की बजाए स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाएं। यह तो हम कर ही रहे हैं, लेकिन फर्नीचर की दुकान लगाने जैसी सुविधाएं स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होतीं। डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मचारी इन सुविधाओं के लिए कोई आइडिया है तो दें। जो लोग राजनीति करते हैं और कहते हैं कि अगर लॉकडाउन लगा तो हम रास्ते पर उतरेंगे, उनसे हमारा यही कहना है कि रास्तों पर जरूर उतरिए लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए उतरिए। भीड़ जमा मत कीजिए। कोई कहता है कि मैं मास्क नहीं लगाता (राज ठाकरे की ओर इशारा) अब ऐसे कथन का मैं क्या जवाब दूं? वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क जरूरी है।'

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