बिहार : अब बिहार चुनाव के मैदान मे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी अपने उम्मीदवार उतारने जा रहे है। और इस चुनावी घमासान मे सबके पसीने छुड़ाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने इस रविवार मुस्लिम बहुल किशनगंज में रैली कर अपने इरादे जता कर सभी दलो के सामने चेतावनी खड़ी कर दी है।
अब ओवैसी की नजरे किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार पर टिकी हुई है। जैसे ही इन इलाकों में ओवैसी ने कदम बढ़ाए तो नीतीश-लालू-कांग्रेस के महागठबंधन की बेचैनी बढ़ गई है। इसका कारण है की इन इलाकों से 24 विधानसभा सीटें जो आती हैं। आपको बता दे की इस रैली का आयोजन JDU विधायक अखरतुल इमान ने किया।
इसलिए ये सीटें है खास
सीमांचल के ये 4 जिले मुस्लिम वोट बैंक के लिहाज से मुख्य हैं। किशनगंज में 78 प्रतिशत, अररिया में 41 प्रतिशत, कटिहार में 43 प्रतिशत और पूर्णिया में 37 प्रतिशत मुस्लिम आबादी जनसंख्या है। यह आकंड़े बाया करते हैं कि यह कितना बड़ा वोट बैंक है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर के बाद भी भाजपा इन सीमांचल की 7 सीटों पर अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी। जबकि NDA सरकार ने बिहार में 40 में से 31 सीटें हासिल की थी।
किशनगंज के लोगों का मानना है कि अगर ओवैसी खुद यह चुनाव लड़ते हैं तो लोगों को दूसरा विकल्प मिलेगा। हालांकि ओवैसी ने इस संबंध मे बताया कि वह अभी लोगों की राय मांग जान रहे हैं। इसके बाद ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लेंगे। आपको बता दे की फिलहाल वह हैदराबाद से सांसद हैं।