रांचीः झारखंड के रामगढ़ जिले के समीप मौजूद छिन्न मस्तिका मंदिर अपने रहस्य तथा चमत्कारों के लिए तो जाना ही जाता है. अब मंदिर की पहचान में यहां एक और विशेष बात जुड़ने वाली है. दामोदर तथा भैरवी नदी के संगम पर बसा रजरप्पा तीर्थ बलि के लिए जाना जाता है. मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों बकरों की बलि चढ़ती है. अब यही बलि के बकरे मंदिर को जगमग करेंगे. रजरप्पा तीर्थ देवी छिन्न मस्तिका का लोकप्रिय धाम है.
खबर के अनुसार, अब इस मंदिर बलि के साथ नया प्रयोग किया जाएगा. यहां चढ़ने वाले बकरे की बलि के पश्चात् खाल-अपशिष्ट से बिजली तैयार होगी. इसी बिजली से मंदिर की बिजली सप्लाई पूरी की जाएगी. प्रतिदिन कोई डेढ़-दो सौ बकरों की यहां बली चढ़ती है जिससे लगभग 1 हजार किलो अपशिष्ट निकलता है. इसी का उपयोग बिजली तैयार करने के लिए किया जायेगा. प्रतिदिन लगभग 25 से 35 किलोवाट बिजली उत्पादन का आकलन किया गया है.
वही रामगढ़ की उपायुक्त माधुरी मिश्रा ने कहा कि भक्त मंदिर के चढ़ावे के पश्चात् बचे हुए अपशिष्ट को नदी में डालते हैं. इससे नदी भी प्रदूषित हो रही है. इसी को देखते हुए हम लोगों ने एक परियोजना तैयार की है. जिला प्रशासन पशु बलि देने वाले भक्तों को एक टोकन देगी. इस टोकन के द्वारा उन्हें पशु बलि का प्रसाद दिया जाएगा तथा उसके वेस्ट प्रोडक्ट को मंदिर परिसर में बने मिथिनेशन प्लांट में डाल दिया जाएगा. इससे लगभग 25 किलोवाट से ज्यादा की बिजली का प्रोडक्शन हो सकता है. इससे मंदिर परिसर में प्रकाश के लिए परीक्षण होनेवाले बिलजी में किया जायेगा.
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