बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के एक शासकीय कॉलेज में एक बहुत ही अजीबोगरीब फरमान जारी किया गया है जिसके बाद कॉलेज की छात्राओं में रोष है. पूर्व के दिनों में बिलासपुर में इस शासकीय बिलास कन्या कॉलेज के हॉस्टल में एक छात्रा जिसका नाम अंजली टंडन है उसने हॉस्टल में ख़ुदकुशी कर ली थी. व जिसके बाद से ही हॉस्टल की वार्डन पर प्रताड़ना के आरोप के बाद से ही प्रबंधन बचाव में है।
जिसके बाद से ही इस कॉलेज की बदनामी हो रही थी जिसके बाद कॉलेज के प्राचार्य जिनका नाम डॉ.जेपी शिवहरे है उन्होंने कॉलेज के सभी प्राध्यापको की एक बैठक की वह भी अनुशासन को लेकर जिसमे निर्णय लिया गया की अब से इस कॉलेज में छात्राओं के प्रवेश की प्रक्रिया के दौरान सर्वप्रथम उनसे आत्महत्या नहीं करने का शपथ पत्र लिया जाएगा.
तथा नोटरी के समक्ष छात्राओं के अभिभावक से भी शपथ पत्र भरवाया जाएगा। इसमें स्पष्ट उल्लेख होगा कि उनकी बेटी आत्महत्या जैसा कोई कदम नहीं उठाएगी। यदि ऐसी कोई घटना होती है तो कॉलेज प्रबंधन इसका जिम्मेदार नहीं होगा। प्राचार्य डॉ.जेपी शिवहरे ने कहा की इसके लिए शासकीय बिलासा कन्या कॉलेज के प्राध्यापक व कर्मचारियों ने भी अपनी और से सहमति दे दी है.
प्राचार्य ने कहा की इन छात्राओं को कैंपस व हॉस्टल के भीतर फांसी लगाने, जहर खाने या किसी और तरीके से खुदकुशी नहीं करने के चलते यह नियम बनाया गया है. इस आदेश के बाद शासकीय बिलासा कन्या कॉलेज में अध्ययनरत छात्राएं व उनके अभिभावक कॉलेज प्रबंधन के इस निर्णय से बहुत ही हैरान है.