जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद एक बहुत गंभीर समस्या है. नक्सलवाद के कारण आये दिन सरकार और आमजन को समस्याओ का सामना करना पड़ता है. सरकार नक्सलवाद पर नियंत्रण के कई सालो से प्रयास कर रही है लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है. नक्सलवादियों और पुलिस प्रशासन के मध्य भी विवाद चलता ही रहता है. छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में पिछले सात सालों से जो नक्सली महिला चिन्नी ओयामी पुलिस के खून की प्यासी बनी हुई थी, उसकी ख़राब तबियत के चलते हालत गंभीर बनी हुई है. आज बस्तर पुलिस मानवता की मिसाल पेश करते उसकी देख रेख कर रही है.
पुलिस विभाग द्वारा उसका ध्यान रखा जा रहा है. पुलिस ने जानकारी दी कि गंभीर हालात में चिन्नी को बीजापुर अस्पताल से रेफर कर मेडिकल कालेज जगदलपुर लाया गया था और हालत बिगडऩे पर पुलिस के जवान अपना खून देकर उसे जीवनदान देने में लगे हुए. पुलिस विभाग ने ऐसा कर के मिसाल कयाम की है जिसे नक्सलवादियो को एक सकारात्मक सन्देश मिलेगा.
आपको बता दे कि पिछले सात वर्षो तक नक्सलियों के साथ रहने के बावजूद बीमार चिन्नी ओयामी का उपचार कराने की बजाए उसे नक्सली संगठन ने खुद से अलग कर अकेले मरने जैसी स्थिति में छोड़ कर चले गए. किसी तरह चिन्नी आयोमी के परिजनों के साथ संपर्क में किया गया. चिन्नी को उसके भाई ने बीजापुर अस्पताल में दाखिल करवाया. बेहतर उपचार के लिए आईजी एसआरपी कल्लूरी एवं एसपी अजय यादव ने खुद उसे मेडिकल कालेज में दाखिल करवाकर उपचाार की सारी व्यवस्था की गयी. पुलिस ने चिन्नी को जीवन दान देकर नक्सलवादियो को एक अच्छा सन्देश दिया है.