जिसका दर्द वो ही जानेः बाढ़
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चेन्नई : कहते है जिस पर बीतती है, वही जानता है। फिलहाल चेन्नई में आई विनाशकारी बाढ़ का यही हाल है। हम अपने घरों में बैठकर मात्र इस बात की कल्पना कर सकते है। पर उनकी तकलीफ को समझना हमारे लिए असंभव समान है। धरती का तीन हिस्सा पानी आज चेन्नई वासियों को उनके आस-पास ही नजर आ रहा होगा। प्रकृति से मानव द्वारा किए गए खिलवाड़ का नतीजा इतना विनाशकारी होगा इसकी किसी ने कल्पना भी नही की होगी। आलम ये है कि लोगो के पास सबकुछ होते हुए भी कुछ नही है।

100 साल के रिकॉर्ड को तोड़ कर आई यह बारिश अपने साथ खौफ का मंजर ले आई है। लोगो ने पहले इसे हल्के में लेते हुए एक माले से दूसरे माले पर जाते रहे पर जैसे-जैसे जल स्तर बढ़ता गया लोगो की साँसे थमती गई और अब तक प्रकृति की इस विनाशकारी लीला में पौने तीन सौ से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके है। लोग अपने घरों में फंसे हुए है। इस वीडियो को देखकर आप समझ सकते है कि हालात कितने बदतर है। घर के अंदर पानी भरा हुआ है और कई लोग अंदर फँसे हुए। पानी की इस मोटी धारा को रोककर लोगो को बाहर निकालना असंभव सा है। निकलने का एक मात्र रास्ता है खिड़की। बड़े जद्दोजहद और लोगो के साहस के कारण इनकी जान बचाना संभव हो सका।

ऐसे कई लोग है जो अपने मृत परिजनों की लाशें लिए 8 दिन से बैठे हुए है। अंतिम संस्कार के लिए धरती का कोई टुकड़ा सूखा नही है। कई गर्भधारण की हुई स्त्रियाँ है, जो अचानक आई इस आपदा में फंसी हुई है। ऐसे में भारतीय सेना किसी भगवान से कम नही है। 2000 सेना के जवान और 6 एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी है। पर प्रकृति को अब भी तरस नही है, अब भी बरसे जा रही है। लीलाधर की लीला समझ में नही आती कही सूखे से लोग मर रहे तो कही बाढ़ से।

यह विनाश कहाँ जाकर थमेगी यह तो पता नही पर इस विनाश की बेला में इंसान ही इंसान के काम आ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है तो ये हाल है, आगे की तो हम कल्पना भी नही कर सकते है। इस आपदा से 50 लाख लोग पीड़ित है। इससे पहले भी 25 नवंबर 1976 को चेन्नई में बारिश (45.2 सेमी) हुई थी लेकिन तब बाढ़ नही आई। कारण है तब इतनी उंची बिल्डिंगे नही थी और सारा पानी धरती ने खुद ही सोख लिया। आज 10-15 सेमी की बारिश में हाल बेहाल है।

ये तो बाढ़ से पहले के हालात है, इसके बाद बाढ़ के पानी से आई बीमारियाँ भी है। नाले की गंदगी से लेकर कीड़े-मकोड़े तक घरों में घुसे है तो दूसरी ओर लोगो के पास स्वच्छ पानी तक नही है। खुशी की बात ये है कि मुसीबत की इस बेला में देश-प्रदेश से लेकर विदेश तक चेन्नई के साथ खड़ा है।

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