रायपुर: छत्तीसगढ़ में मतदान के बाद वापसी को लेकर कांग्रेस पार्टी भले ही दावे कर रही हों लेकिन इन दिनों उसे एक नया डर सता रहा है. यह डर पार्टी के जीतने वाले विधायकों की खरीद-फरोख्त का है, पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें जीत के आगे की रणनीति तय की गई थी.
बेमेतरा: स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में तैनात था जवान, लैपटाप मिलने पर कांग्रेस का हंगामा
28 नवंबर को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय, राजीव भवन में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव समेत अन्य दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में 90 उम्मीदवारों की बैठक हुई थी, इसमें तय किया गया था कि चुनाव के परिणाम जारी होते ही सभी विधायकों को रायपुर भेज दिया जाएगा. पार्टी का मानना है कि निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार रात से ही उन पर दबाव बनाया जा सकता है.
राजस्थान चुनाव: चुनावी रण में 2294 में से 319 प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनके नाम में है राम
रायपुर में क्या होगा यह पार्टी का आला कमान पहले ही तय कर चुका है, पिछले तीन विधानसभा चुनावों के मुकाबले कांग्रेस ने इस बार अलग तरह की रणनीति तैयार की है. पार्टी ने हर जिले में पदाधिकारियों की एक टीम बनाने का निर्णय लिया है, टीम में शामिल सदस्यों का काम विधायकों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का होगा. आखिरी समय पर रायपुर की जगह विधायकों को किसी अन्य गोपनीय स्थान पर भी भेजा जा सकता है, साथ ही पार्टी, विधायकों के मोबाइल की गतिविधियों पर भी निगरानी रखेगी.
खबरें और भी:-
राजस्थान: चुनाव के दौरान दो दशकों से बदल रही बाजी, इस बार किसके सिर सजेगा ताज
तेलंगाना: पुलिस ने आधीरात को फायरब्रांड नेता रेवंत रेड्डी को किया गिरफ्तार
सुरजेवाला ने कहा मोदी सरकार बनी भगोड़ों की ट्रेवल एजेंसी