मध्य प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला दूसरा राज्य है। मध्य प्रदेश सरकार ने 26 अगस्त 2021 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी थी। इस नई शिक्षा नीति में 10+2 के ढाँचे की जगह 5+3+3+4 फॉर्मेट में पाठ्यक्रम होगा। आपको बता दें कि इस फॉर्मेट में पहले 5 साल में प्री प्राइमरी के 3 साल, और कक्षा 1 व कक्षा 2, दो साल शामिल होंगे, कक्षा 3 से 5 कक्षा और 6 से 8 तक के तीन-तीन साल होंगे, चौथा चरण कक्षा 9 से 12वीं तक 4 साल का होगा, नई शिक्षा नीति के तहत पांचवी तक के छात्रों को मातृभाषा, स्थानीय भाषा, और राष्ट्रभाषा में ही पढ़ाया जाएगा।
सरल तरीके से जाने क्या है 5+3+3+4 का फॉर्मेट
पांच का अर्थ जाने, फाउंडेशन स्टेज
पहले 3 साल बच्चे आगनबाडी में प्रीस्कूलिंग की शिक्षा लेंगे फिर अगले 2 साल कक्षा एक एवं दो के बच्चे स्कूल में शिक्षा लेंगे इन 5 सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा यानी इस प्रकार पढ़ाई के पहले 5 साल का चरण पूरा होगा
3 यानी प्रीप्रेटरी स्टेज
इस स्टेज में कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई होगी और इस दौरान प्रयोग के जरिए बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई कराई जाएगी। 8 से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को इसमें शामिल किया गया है।
3 यानी मिडिल स्टेज
इस स्टेज में कक्षा 6 से 8 की कक्षाओं की पढ़ाई करवाई जाएगी, और इन कक्षाओं में विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा और 11 से 14 साल के उम्र वाले बच्चों को इसमें शामिल किया जाएगा, वही कक्षा 6 से ही कौशल विकास कोर्स भी शुरू हो जाएंगे।
चार यानी सेकेंडरी स्टेज
कक्षा 9 से 12 वीं की पढ़ाई दो स्टेज में होगी जिसमें विषयों का अध्ययन करवाया जाएगा। वही इसमें विद्यार्थियों को अपने मनपसंद विषय को चुनने की आजादी भी रहेगी ।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी
नई शिक्षा नीति के माध्यम से बताया गया है कि कक्षा तीसरी से पांचवी तक के छात्रों को प्रतिदिन 2 घंटे का होम वर्क दिया जाएगा। वही कक्षा 6 से 8वी तक के विद्यार्थियों को 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। कक्षा नवी से 12वीं तक के छात्रों को 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। वहीं इस नई नीति के तहत छात्रों का बैग उनके वजन से केवल 10% अधिक होना चाहिए। जो छात्र एलकेजी, यूकेजी में पढ़ते हैं उन्हें कोई होमवर्क नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा पहली कक्षा व दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा जब विद्यार्थियों के लिए पुस्तकों का चयन होगा तब ध्यान रखा जाएगा की उनकी किताबें ज्यादा वजनदार ना हो वहीं छात्रों के लिए स्कूल में स्वच्छ पानी और साफ बाथरूम का भी ध्यान रखा जाएगा।
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