बर्मिंघम के अलबामा विश्वविद्यालय के शोधकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि खाने के शेड्यूल में बदलाव लोगों को अपना वजन कम करने में मदद कर सकता है या नहीं। प्रतिबंधित भोजन के पहले मानव परीक्षण में पाया गया कि यह भूख के एहसास को कम कर देता है और फैट व कार्बोहाइड्रेट बर्न करने के पैटर्न में बदलाव लाता है जो वजन घटाने में मदद कर सकता है। इस खाने के शेड्यूल में लोग दोपहर के मध्य तक अपने आखिरी भोजन खाते हैं और अगले दिन सुबह नाश्ते से पहले तक कुछ नहीं खाते हैं.
शोध में पाया गया कि आमतौर पर छोटी अवधि के दौरान खाने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है. शोधकर्तों ने पाया कि रोजाना सुबह आठ बजे से लेकर दो बजे के बीच खाना खाने के बाद 18 घण्टे तक कुछ नहीं खाने वाले लोगों की भूख का स्तर उन लोगों से ज्यादा रहा जो लोग सुबह आठ से लेकर रात आठ बजे तक खाना खाते हैं. मानव शरीर एक अंदर एक आंतरिक घड़ी होती है और मेटाबोलिज्म के बहुत सारे पहलु सुबह अपने सर्वश्रेष्ठ कार्य पद्धति पर होते हैं इसलिए मानव की आंतरकि घडी के हिसाब से सुबह जल्दी खाने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं.
शोधकर्त्ताओं ने अपनी बात को सही साबित करने के लिए 11 ऐसे पुरुष और स्त्रियों पर शोध किया जिनका वजन बहुत अधिक था. इन लोगों को चार दिन सुबह आठ से लेकर दिन को दो बजे तक और चार दिन सुबह आठ से लेकर रात को आठ बजे के बीच खाने के लिए कहा गया. शोधकर्त्ताओं ने अपने इस प्रोग्राम का असर देखने के लिए इन लोगों के कैलोरी बर्न, फैट बर्न और एपेटाइट की जाँच की. प्रतिभागियों ने दोनों वक्त के शेड्यूल को ट्राय किया, दोनों वक्त सामान मात्रा में कैलोरीज ली और पर्यवेक्षण के तहत सभी परीक्षण को पूरा किया। शोध में पाया गया कि इस शड्यूल ने इस बात पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाला कि प्रतिभागी ने कितनी कैलोरीज खर्च की लेकिन इससे रात के वक्त में भूख लगने में कमी पायी गयी और इस समय चर्बी घटने की प्रक्रिया में भी तेजी पायी गयी.
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