नई दिल्ली: चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम से अभी तक ISRO का संपर्क नहीं हो पाया है. संपर्क टूटने के अगले ही दिन ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल तस्वीर भेजकर ये तो बता दिया था कि लैंडर किस जगह है, किन्तु इसरो अभी तक लैंडर से समपर्त नहीं कर सका है. कोई कम्युनिकेशन नहीं होने के कारण ही ये भी नहीं पता चल पा रहा है कि आखिर अंतिम क्षणों में लैंडर के साथ क्या हुआ था.
उल्लेखनीय है कि 7 सितंबर को लैंडर जब चांद की सतह पर लैंड कर रहा था, उसी दौरान उससे इसरो का संपर्क टूट गया था. इस संपर्क टूटने को लेकर भी एक भ्रम फैला हुआ है. पहले कहा जा रहा था कि संपर्क लगभग 2.1 किमी ऊपर टूटा, कित्नु यदि लैंडर की लैंडिंग का ग्राफ देखें, तो एक अलग ही तस्वीर दिखाई देती है, जो ये साफ करती है कि लैंडर से इसरो का संपर्क 400 मीटर ऊपर टूटा, ना कि 2.1 किमी ऊपर.
दरअसल, यहां सारा कंफ्यूजन इसरो के ट्वीट की व्याख्या करने के तरीके से हुआ. इसरो ने अपने ट्वीट में कहीं भी ये नहीं लिखा था कि इसरो का संपर्क चांद की सतह से 2.1 किमी पर लैंडर से टूट गया. हां, उस ट्वीट का ऐसा मतलब निकाल लिया जाना कोई बड़ी बात नहीं है. इसरो ने ट्वीट में लिखा था कि,- 'ये मिशन कंट्रोल सेंटर है. विक्रम लैंडर 2.1 किमी की ऊंचाई तक योजना के हिसाब से गया. इसके बाद लैंडर के साथ संपर्क टूट गया. आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है.'
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