पति और पत्नी के रिश्ते में नहीं होनी चाहिए ये बात: चाणक्य नीति
पति और पत्नी के रिश्ते में नहीं होनी चाहिए ये बात: चाणक्य नीति
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दुनिया के सबसे अच्छे रिश्तों में एक रिश्ता पति और पत्नी का भी है. अगर दोनों सही से एक दूजे को समझे तो रिश्ता कभी खराब नहीं होता है. हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और पृथ्वी पर उनका मिलन होता है. ऐसे में पति और पत्नी का रिश्ता पवित्र रिश्ता माना जाता है. जिसमें सम्मान, विश्वास और अनुशासन सब होता है, लेकिन आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में पति और पत्नी के रिश्ते पर भी गंभीरता से प्रकाश डाला है. जी हाँ तो आइए जानते हैं कैसे इस रिश्ते को मजबूत बनाया जा सकता है.

अंतर नहीं करना चाहिए - चाणक्य नीति के अनुसार पति और पत्नी के रिश्तें में किसी भी प्रकार का भेदभाव और अंतर करने की भावना नहीं होनी चाहिए. जी दरअसल यही भावना है जो रिश्ते को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाती है. चाणक्य नीति में लिखा है पति की नजर में पत्नी को कमजोर नहीं समझा जाना चाहिए ऐसा करने से संतुलन बिगड़ता है. इस कारण दोनों एक दूजे को सम्मान दें, पति पत्नी की खूबियों को निखारें और मजबूत बनाएं.

अकेले न लें फैसला - घर परिवार के मामलों में कोई भी फैसला अकेला न करें. चाणक्य नीति के अनुसार जो भी फैसला लेना होना पति और पत्नी को मिलकर लेना चाहिए फिर वह फैसला छोटा हो या बड़ा.

एक दूसरे को नीचा न दिखाएं - चाणक्य नीति में लिखा गया है पति पत्नी का रिश्ते में सम्मान और एक मर्यादा होती है. वहीँ इसका ध्यान रखना चाहिए और एक दूसरे की कमजोरियों को किसी को नीचा दिखाने के लिए प्रयोग नहीं करना चाहिए. अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो पति और पत्नी का रिश्ता मजबूत हो जाएगा.

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