हाई कोर्ट में केरल पुलिस नियमावली-2020 के नियम 10-14 को चुनौती दी गई है. इन नियमों के तहत कुछ अपराधों में समझौते का प्रावधान है. नियमावली को इसी साल 16 अप्रैल को लागू किया गया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि याचिकाकर्ता वकील एमजे संतोष व दीपू वी. केरल अभिभाषक कोट्टायम के सदस्य हैं. शनिवार को दाखिल याचिका में कहा गया है कि केरल पुलिस नियमावली-2020 के नियम 10-14 संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 39ए व 254 का उल्लंघन हैं. इसके तहत कुछ चुनिंदा अपराधों में समझौते का प्रावधान है, जिसके लिए आरोपित को फीस भी चुकानी होती है.
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इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि यह न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप के साथ-साथ शक्ति के विकेंद्रीकरण की अवधारण का उल्लंघन भी है. यही नहीं, उप निरीक्षक व थाना प्रभारी चाहें तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए संज्ञेय अपराधों के मुकदमे को भी ठंडे बस्ते में डाल सकते हैं. वही, उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 के कानून का अनुच्छेद 126 थाना प्रभारी को असंज्ञेय अपराधों में समझौता कराने का अधिकार देता है.
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